बैजनाथ: वर्ष 2002 में बैजनाथ विधानसभा के लगभग 3400 गरीब व असहाय परिवारों से कब्जा भूमि के नियमितीकरण हेतु सरकार द्वारा आवेदन करवाए गए थे, लेकिन आज 18 वर्ष बीत जाने पर भी सरकार द्वारा आवेदनकर्ताओं को कोई राहत नहीं दी गई.
यह बात पूर्व जिला परिषद सदस्य एवं लोक सेवा मंच के संयोजक तिलक राज ने कही. तिलक राज ने इस मुद्दे को उठाने के लिए पहल की है, ताकि असहाय लोगों की भूमि नियमित हो सके.
तिलक राज ने कहा कि उस समय भारतीय जनता पार्टी की सरकार थी और प्रेम कुमार धूमल मुख्यमंत्री थे. वर्ष 2002 में उस समय हिमाचल प्रदेश के लगभग सभी जिलों में जो परिवार सरकारी भूमि जिसमें लोगों ने अपने मकान दुकान गौशाला आंगन बगीचा या अन्य जरूरतों हेतु काबिज किए हुए थे.
उस समय की सरकार ने एक बहुत बड़े तबके को राहत देने के लिए यह एक योजना रूपी मुहिम शुरू की थी कि लोग स्वयं ऐसी सरकारी भूमि की जानकारी सरकार को दें जिस पर लोगों ने बरसों से कब्जा करके रखा हो और सरकार उसका नियमितीकरण कर सकें.
इसके लिए लोगों ने उस समय सरकार को अपनी पूर्ण भूमि का ब्यौरा दिया साथ ही जो सरकार ने फार्म आवेदन शुल्क 50 रुपए निर्धारित प्रति आवेदन कर्ता से लिया गया. प्रक्रिया में एक परिवार का 18 वर्ष पहले आर्थिक तौर पर लगभग 500 रुपए से लेकर 2000 रुपए के बीच में खर्च हुआ था. जिसमें पंचायतों ने कुछ गांव वासियों को कागजी कुछ जुबानी पट्टे दिए थे जिसके कारण लोगों ने अपने मकान, गोशाला, दुकान, आंगन व अन्य गैर मुमकिन निर्माण किए थे.