धर्मशाला:वन मंत्री राकेश पठानिया ने कांगड़ा में कच्छयारी के नजदीक संत निरंकारी भवन में कोविड केयर सेंटर जनता को समर्पित किया. इस कोविड केयर सेंटर में 25 बेड की क्षमता है. इस अवसर पर वन एवं युवा खेल सेवाएं मंत्री राकेश पठानिया ने कहा कि राज्य सरकार कोविड से निपटने के लिए पूरी तरह से सजग और सतर्क है. साथ ही राज्य में कोविड के उपचार के लिए आधारभूत संरचना तैयार की गई है.
कांगड़ा में संक्रमितों के लिए करीब 1500 बेड की क्षमता
वन मंत्री राकेश पठानिया ने कहा कि कांगड़ा जिला में ही टांडा मेडिकल कॉलेज, जोनल अस्पताल धर्मशाला, नूरपुर अस्पताल, आयुर्वेदिक कॉलेज पपरोला सहित निजी अस्पतालों में भी कोविड का उपचार किया जा रहा है. जिला में कोविड संक्रमितों के उपचार के लिए 1500 के करीब बेड क्षमता तैयार की गई है. इसमें ऑक्सीजन और ऑक्सीजन कंस्ट्रेटर भी उपलब्ध करवाए गए हैं, ताकि किसी भी स्तर पर कोविड रोगियों के उपचार में कोई कमी नहीं रहे. उन्होंने कहा कि राधा स्वामी सत्संग ब्यास में भी 15 दिनों में ही कोविड मेक शिफ्ट अस्पताल तैयार किया गया है, जहां पर उपचार की सुविधा शुरू हो चुकी है.
तीसरी लहर से निपटने के लिए राज्य सरकार तैयार
वन मंत्री राकेश पठानिया ने कहा कि सरकार के साथ साथ स्वयंसेवी संस्थाएं भी कोविड से निपटने के लिए अपना रचनात्मक सहयोग सुनिश्चित कर रही हैं. उन्होंने संत निरंकारी संस्था का भी आभार व्यक्त करते हुए कहा कि संस्था के सेवादारों ने कोविड से निपटने में विभिन्न प्रकल्पों के माध्यम से अपना रचनात्मक सहयोग दिया है. उन्होंने कहा कि कोविड की तीसरे लहर से निपटने के लिए भी राज्य सरकार ने तैयारियां पूरी कर ली हैं.
कोविड प्रोटोकॉल का रखें पूरा ध्यान
वन मंत्री ने कहा कि लोगों को कोविड प्रोटोकॉल का पूरा ध्यान रखते हुए सामाजिक दूरी, मास्क का उपयोग, हाथों को बार बार धोने के लिए तत्पर रहना चाहिए. खांसी, जुकाम इत्यादि लक्षण होने पर तुरंत कोविड टेस्ट करवाना सुनिश्चित करें. इसके साथ ही किसी भी स्तर पर घरेलू उपचार में समय व्यर्थ न करें. तुरंत चिकित्सकों के निर्देशों के अनुसार ही उपचार प्रारंभ करें, ताकि संक्रमण को प्रारंभिक तौर पर ही फैलने से रोका जा सके. उन्होंने कहा कि होम आइसोलेशन में कोविड संक्रमितों की भी उचित देखभाल सुनिश्चित की जा रही है. साथ ही होम आइसोलेशन किटस भी वितरित की जा रही हैं, ताकि कोविड संक्रमितों को स्वास्थ्य लाभ मिल सके.
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