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बाढ़ से बेघर हुए गरीब, सरकार से आशियाने की गुहार - सरकार से आशियाने की गुहार

धर्मशाला के मांझी खड्ड में आई बाढ़ ने खड्ड के किनारे रहने वाले लोगों को कुछ ऐसे जख्म दिए हैं जिनकी भरपाई करना मुश्किल है. खड्ड के किनारे जुगी झोपड़ी में रहने वाले लोगों का सारा सामान, गहने, बर्तन व अन्य जरूरी सामान इस बाढ़ में बह गया है. इन लोगों ने सरकार से मांग करते हुए कहा कि उनकी जीवन भर की जितनी भी कमाई थी व इस बाढ़ में बह गई है, लेकिन अगर सरकार अब इस स्थित में उनके रहने का स्थायी बंदोबस्त कर दे तो कहीं न कहीं इन लोगों को थोड़ी राहत जरूर मिलेगी.

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Published : Jul 15, 2021, 9:54 PM IST

कांगडा: धर्मशाला के मांझी खड्ड में आई बाढ़ ने खड्ड के किनारे रहने वाले लोगों को कुछ ऐसे जख्म दिए हैं जिनकी भरपाई करना मुश्किल है. खड्ड के किनारे जुगी झोपड़ी में रहने वाले लोगों का सारा सामान, गहने, बर्तन व अन्य जरूरी सामान इस बाढ़ में बह गया है. अब प्रशासन ने उनके रहने व खाने पीने का इंतजाम बगली स्कूल में कर दिया है. बाढ़ से प्रभावित यह गरीब परिवार अब स्कूल में रह कर अपना जीवन व्यतीत कर रहे हैं.

वहीं, बगली पंचायत में भी इन लोगों को हर सुविधा मुहैया करवाने के प्रयास किए जा रहे हैं. इन परिवारों में से कुछ ऐसे भी परिवार हैं जिन्होंने अपनी बेटियों की शादी के लिए अपना पेट काट कर कुछ गहनों का इंतजाम किया था, ताकि शादी का समय आने पर व अपनी बेटी को गहने दे सकें, लेकिन जब मांझी खड्ड में बाढ़ आई तो वे अपनी जान बचाने में ही कामयाब हो सके. उनकी सारी जमा पूंजी इस बाढ़ में बह गई.

इन लोगों ने सरकार से मांग करते हुए कहा कि उनकी जीवन भर की जितनी भी कमाई थी व इस बाढ़ में बह गई है, लेकिन अगर सरकार अब इस स्थित में उनके रहने का स्थायी बंदोबस्त कर दे तो कहीं न कहीं इन लोगों को थोड़ी राहत जरूर मिलेगी, बगली स्कूल में कुछ एनजीओ द्वारा भी इन लोगों के खाने पीने का इंतजाम किया जा रहा है.

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जिला प्रशासन ने भी इन गरीब झुग्गी झोपड़ी में रहने वाले लोगों के लिए खाने पीने सहित बिस्तरों व दवाइयों आदि का प्रावधान कर दिया है. इन लोगों को किसी भी प्रकार की मुश्किलों का सामना न करना पड़े इसके लिए प्रशासन ने स्कूल में एक डॉक्टर की तैनाती भी कर दी है, ताकि किसी आपात स्थिति में इन लोगों की देखभाल की जा सके.

झुग्गी झोपड़ी में रहकर अपना जीवन व्यतीत करने वाले इन लोग को अब अपने भविष्य की चिंता सताने लगी है. इन लोगों का कहना है कि रोज मजदूरी व दिहाड़ी कमा कर उन्होंने कुछ पैसे जमा किए हुए थे, लेकिन जब बाढ़ ने अपना रौद्र रूप दिखाना शुरू किया तो देखते ही देखते इन लोगों के जमा किए हुए सारे पैसे राशन आदि सब पानी में बह गया. अब इनके पास सिवाय दुखों के कुछ नहीं बचा है.

एक तो पहले ही गरीबी का दंश झेल रहे इन लोगों पर प्रकृति ने कहर बरसाकर इनकी कमर को तोड़ कर रख दिया है. अब भविष्य में किस तरह से यह लोग अपना व अपने परिवार का पालन पोषण करेंगे, इस बात को लेकर चिंता की लकीरें इनके चेहरे पर साफ देखने को मिल रही है.

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