धर्मशाला:अंतरराष्ट्रीय न्याय दिवस के मौके पर धर्मशाला के मैक्लोडगंज में रहने वाले निर्वासित तिब्बतियों ने धरना प्रदर्शन करते हुए रैली निकाली. इस धरना प्रदर्शन और रैली में निर्वासित तिब्बतियों के 5 गैर सरकारी संगठनों के कार्यकर्ताओं ने हिस्सा लिया. इन संगठनों ने चीन सरकार और राष्ट्रपति सी जिनपिंग के खिलाफ जमकर नारेबाजी की. इन्होंने जिनपिंग को एक आतंकवादी करार देते हुए आम लोगों के मानव अधिकारों का हननकर्ता करार दिया.
इन संगठनों को लीड करने वाली तिब्बतियन लेडी रिंझिंन ने बताया कि पूरी दुनिया मानव अधिकारों की स्पोर्ट करती है. वहीं, चीन इन मानव अधिकारों का हमेशा विरोध करते आया है. रिंझिंन ने बताया कि तिब्बत में घर पर तिब्बती धर्मगुरु दलाईलामा की तस्वीर लगाने पर व्यक्ति को 15 साल के लिए कैदी बनाकर जेल में डाल दिया जाता है.
पर्यावरण को लेकर आंदोलन करने वालों को भी जेल की सलाखों के पीछे भेज दिया जाता है. उन्होंने कहा कि चीन ने इस प्रकार की प्रणाली के तहत बहुत से तिब्बतियों को जेल में बंद करके रखा है, जो मानव अधिकारों का हनन है.