नूरपुर/कांगड़ा:राज्य विद्युत कर्मचारी यूनियन के नूरपुर जोन के कर्मचारियों ने बिजली संशोधन कानून 2020 का जोरदार विरोध किया. ये विरोध प्रदर्शन विद्युत मंडल नूरपुर में नेशनल कोआर्डिनेशन कमेटी ऑफ इलेक्ट्रिसिटी इंजीनियर एंड एम्प्लॉएस के आह्वान पर किया गया.
यूनियन के अनुसार इस कानून के लागू होने से बिजली क्षेत्र में ठेकेदारी प्रथा को बढ़ावा मिलेगा. इसके साथ ही कार्यरत कर्मचारियों की सेवा शर्तों पर भी विपरीत असर पड़ेगा. साथ ही उपभोक्ताओं को मंहगी दरों पर बिजली मिलेगी.
यूनियन का कहना है कि कि 1990 में विद्युत बोर्ड में कर्मचारियों की संख्या लगभग 43 हजार थी. उस वक्त लगभग 9 लाख उपभोक्ता थे. उन्होंने कहा कि वर्तमान में विद्युत बोर्ड में कर्मचारियों की संख्या घट कर करीब 16 हजार रह गई है, जबकि उपभोक्ताओं की संख्या लगभग 25 लाख हो गई है. इसके चलते कर्मचारियों पर काम के बोझ के कारण कई कर्मचारी दुर्घटनाओं का शिकार हो रहे है.