धर्मशालाः जिला कांगड़ा के मैकलोडगंज में तिब्बती धर्मगुरु दलाई लामा से शुक्रवार को देश की अलग-अलग यूनिवर्सिटी से छात्र-छात्राएं मिलने पहुंचे थे. इस मुलाकात के दौरान तिब्बती धर्मगुरु दलाईलामा ने प्राचीन भारतीय सभयता के विषय पर चर्चा की गई.
तिब्बती धर्मगुरु दलाईलामा ने कहा कि वर्तमान में दुनिया भर को प्राचीन भारतीय ज्ञान की जरूरत है. अहिंसा और करुणा को प्रार्थना या अनुष्ठान के माध्यम से नहीं बल्कि शिक्षा के माध्यम से पुनर्जीवित किया जा सकता है.
बता दें कि धर्मशाला कालेज में छह माह का प्राचीन भारतीय ज्ञान कोर्स शुरू किया गया है. इस कोर्स के स्टूडेंटस साथ-साथ सवांद सत्र में लवली प्रोफेशनल यूनिवर्सिटी, पंजाब यूनिवर्सिटी, स्वामी विवेकानंद सुभारती यूनिवर्सिटी और शारदा यूनिवर्सिटी के बच्चे भी शामिल थे.
तिब्बती धर्मगुरु दलाईलामा वर्तमान में धर्मशाला में धर्मशाला कालेज में प्राचीन भारतीय ज्ञान कोर्स में 30 स्टूडेंटस पढ़ाई कर रहे हैं. दलाई लामा ने अपने पुनर्जन्म के मुद्दे पर टिप्पणी करते हुए कहा, यह संस्थान मुझे इस सामंती व्यवस्था से बहुत जुड़ा हुआ लगता है.
तिब्बती इतिहास में कुछ लामा वास्तव में अद्भुत हैं, इसलिए मुझे लगता है कि हमें मूल भारतीय परंपरा पर वापस लौटना चाहिए और कोई पुनर्जन्म नहीं होना चाहिए. हमें 21 वीं सदी के बौद्धों को रूढि़वादी तरीके से नहीं होना चाहिए लेकिन, यह तिब्बत के लोगों द्वारा तय किया जाएगा कि इस संस्था को जारी रखना है या नहीं.