हिमाचल प्रदेश

himachal pradesh

ETV Bharat / state

सिस्मिक जोन 4-5 के बीच आता है धर्मशाला, भूकंप की दृष्टि से हिमाचल सवंदेनशील - सिस्मिक जोन 4 5 के बीच आता है धर्मशाला

हिमाचल प्रदेश भूकंप की दृष्टि से काफी संवेदनशील माना गया है. ऐसे में हिमाचल प्रदेश के केंद्रीय विश्वविद्यालय में कार्यरत स्कूल ऑफ अर्थ एंड एनवायरनमेंट साइंस के डीन प्रो. एके महाजन ने भूकंप को लेकर अपनी प्रतिक्रिया दी है. जानने के लिए पढ़ें पूरी खबर...

सिस्मिक जोन 4-5 के बीच आता है धर्मशाला
सिस्मिक जोन 4-5 के बीच आता है धर्मशाला

By

Published : Apr 2, 2023, 1:06 PM IST

हिमाचल प्रदेश के केंद्रीय विश्वविद्यालय में कार्यरत स्कूल ऑफ अर्थ एंड एनवायरनमेंट साइंस के डीन प्रो. एके महाजन.

धर्मशाला: भूकंप के लिहाज से पूरे देश में 4 सिस्मिक जोन हैं. धर्मशाला की बात करें तो यह सिस्मिक जोन 4 और 5 के बीच में आता है. जो काफी खतरनाक माना जाता है. पूरा हिमाचल भूकंप की दृष्टि से संवेदनशील है, क्योंकि यहां टेक्टोनिक प्लेट्स हैं, जो कि मेन बाउंड्री थ्रस्ट, मेन सेंट्रल थ्रस्ट और हिमालयन फ्रंटल थ्रस्ट (जो चंडीगढ़ के पास से क्रॉस करता है) आजकल सक्रिय हैं, इनकी वजह से कभी भी भूकंप आ सकता है.

ऐसे में 21 मार्च को आए भूकंप पर हिमाचल प्रदेश के केंद्रीय विश्वविद्यालय में कार्यरत स्कूल ऑफ अर्थ एंड एनवायरनमेंट साइंस के डीन प्रो. एके महाजन ने अपनी प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने कहा कि विश्व के नौ देशों में अफगानिस्तान के भूकंप की तीव्रता देखी गई थी. भूकंप की गहराई बहुत ज्यादा होने व सतह दूर होने के चलते इसका प्रभाव दिल्ली, धर्मशाला और शिमला में देखा गया था. भूकंप की तीव्रता 6.6 से 6.8 मापी गई थी.

उन्होंने बताया कि पहले तर्की में भूकंप आया था, फिर 21 मार्च को अफगानिस्तान में भूकंप आया. नेपाल में वर्ष 2015 और 2022 में भूकंप आया. भारत की बात करें तो 1905 में भूकंप आया था, उसके बाद वर्ष 1968 और 1978 में भूकंप आया था. बता दें कि सिस्मिक जोन का अर्थ वह भूकंपीय क्षेत्र है जहां भूकंप आने की संभावना सबसे अधिक होती है. भूकंप की संवेदनशीलता के अनुसार भारत को 2 से 5 जोन में बांटा गया है. क्षेत्र की संरचना के अनुसार भूकंप को लेकर इलाके को कम खतरनाक से लेकर खतरनाक जोन में बांटा गया है. इसमें जोन 2 जहां सबसे कम खतरनाक माना जाता है, वहीं जोन 5 सबसे अधिक खतरनाक माना जाता है.

भूकंप की दृष्टि से भवन कमजोर- अफगानिस्तान में आए भूकंप से धर्मशाला, शिमला और दिल्ली के भवनों के हिलने पर प्रो. महाजन ने कहा कि इसका अर्थ है कि हमारे भवन भूकंप की दृष्टि से बहुत कमजोर है, क्योंकि अधिकतर भवन भूकंप रोधी नहीं है या सॉफ्ट सॉइल पर बने हुए हैं. बहुमंजिला भवन यदि सॉफ्ट सॉइल पर बनेंगे तो भूकंप से नुकसान होगा, नॉर्थ इंडिया में इस भूकंप का ज्यादा प्रभाव देखने को मिला है.

भूकंप रोधी तकनीक बारे सोचने की जरूरत-धर्मशाला में वर्ष 1986 में भूकंप आया था, उसके बाद आज तक भूकंप नहीं आया. पिछले कुछ समय में छोटे-छोटे भूकंप आने से कुछ एनर्जी रिलीज भी हुई है, लेकिन अभी भी काफी एनर्जी स्टोर्ड है, ऐसे में कहा जा सकता है कि आगे आने वाले दिनों में भूकंप के झटके आते रहेंगे. ऐसे में भूकंप रोधी तकनीक के बारे में सोचना जरूरी है. बड़ी तीव्रता का झटका आए तो पूरे हिमाचल में काफी नुकसान होने की संभावना है, फिर चाहे धर्मशाला हो या मंडी.

भूकंप आने पर करने चाहिए ये उपाय-

ABOUT THE AUTHOR

...view details