धर्मशाला: भूकंप के लिहाज से पूरे देश में 4 सिस्मिक जोन हैं. धर्मशाला की बात करें तो यह सिस्मिक जोन 4 और 5 के बीच में आता है. जो काफी खतरनाक माना जाता है. पूरा हिमाचल भूकंप की दृष्टि से संवेदनशील है, क्योंकि यहां टेक्टोनिक प्लेट्स हैं, जो कि मेन बाउंड्री थ्रस्ट, मेन सेंट्रल थ्रस्ट और हिमालयन फ्रंटल थ्रस्ट (जो चंडीगढ़ के पास से क्रॉस करता है) आजकल सक्रिय हैं, इनकी वजह से कभी भी भूकंप आ सकता है.
ऐसे में 21 मार्च को आए भूकंप पर हिमाचल प्रदेश के केंद्रीय विश्वविद्यालय में कार्यरत स्कूल ऑफ अर्थ एंड एनवायरनमेंट साइंस के डीन प्रो. एके महाजन ने अपनी प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने कहा कि विश्व के नौ देशों में अफगानिस्तान के भूकंप की तीव्रता देखी गई थी. भूकंप की गहराई बहुत ज्यादा होने व सतह दूर होने के चलते इसका प्रभाव दिल्ली, धर्मशाला और शिमला में देखा गया था. भूकंप की तीव्रता 6.6 से 6.8 मापी गई थी.
उन्होंने बताया कि पहले तर्की में भूकंप आया था, फिर 21 मार्च को अफगानिस्तान में भूकंप आया. नेपाल में वर्ष 2015 और 2022 में भूकंप आया. भारत की बात करें तो 1905 में भूकंप आया था, उसके बाद वर्ष 1968 और 1978 में भूकंप आया था. बता दें कि सिस्मिक जोन का अर्थ वह भूकंपीय क्षेत्र है जहां भूकंप आने की संभावना सबसे अधिक होती है. भूकंप की संवेदनशीलता के अनुसार भारत को 2 से 5 जोन में बांटा गया है. क्षेत्र की संरचना के अनुसार भूकंप को लेकर इलाके को कम खतरनाक से लेकर खतरनाक जोन में बांटा गया है. इसमें जोन 2 जहां सबसे कम खतरनाक माना जाता है, वहीं जोन 5 सबसे अधिक खतरनाक माना जाता है.