धर्मशाला: हिमाचल प्रदेश केंद्रीय विश्वविद्यालय के बिजनेस स्कूल की ओर से 'उत्तर-पश्चिमी क्षेत्र में सतत विकास लक्ष्यों को प्राप्त करना' विषय पर दो दिवसीय सेमिनार का आज शुभारंभ हुआ. दो दिवसीय इस सेमिनार का आयोजन आईसीएसएसआर-एनडब्ल्यूआरसी, सीआईआई (एनआर) बीबीएनआईए, एचपीसीएमए और डीआईसी कांगड़ा के सहयोग से किया जा रहा है. इस सेमिनार में भारत भर के विभिन्न प्रतिष्ठित संस्थानों के 113 शिक्षक और शोधार्थी भाग ले रहे हैं.
सेमिनार का मुख्य उद्देश्य: उत्तर पश्चिमी क्षेत्र में सतत विकास लक्ष्यों को पाने के लिए इस सेमिनार का मुख्य उद्देश्य स्वास्थ्य देखभाल, गरीबी दूर करना, जलवायु नियंत्रण, समानता और सशक्तिकरण रहेगा. सेमिनार 17 सतत विकास लक्ष्यों पर भी केंद्रित है. इसके अलावा इस दौरान “उत्तर- पश्चिमी भारत में सतत विकास के लिए नवाचार और प्रौद्योगिकी” विषय पर एक पैनल चर्चा भी आयोजित की जा रही है. इस पैनल चर्चा का उद्देश्य यह जानना है कि उत्तर-पश्चिमी भारत में सतत विकास लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए इनोवेशन एंड टेक्नोलॉजी को कैसे यूज किया जा सकता है. इसका उद्देश्य सफल उदाहरणों को प्रदर्शित करना, उभरते रुझानों पर चर्चा करना और सतत विकास को बढ़ावा देने के लिए टेक्नोलॉजी का फायदा उठाने के अवसरों की पहचान करना है.
दूरगामी प्रभावों के लिए कार्यक्रम आयोजित: कार्यक्रम में भारतीय प्रबंधन संस्थान तिरुचिरापल्ली तमिलनाडु के निदेशक प्रो. पवन कुमार सिंह ने बतौर मुख्य अतिथि शिरकत की. उन्होंने कहा कि साल 2030 तक विश्व स्तर पर सतत विकास लक्ष्यों की प्राप्ति के लिए साल 2015 में विश्व स्तर पर यूनाइटेड नेशन और विश्व के नेताओं ने एक कार्यक्रम तय किया था. उन्होंने कहा कि सेंट्रल यूनिवर्सिटी धर्मशाला में आयोजित किया जा रहा ये नेशनल सेमिनार काफी महत्वपूर्ण है. ऐसे कार्यक्रमों का आयोजन दूरगामी प्रभावों के लिए किया जाता है.