देहरा: कांगड़ा जिले में सभी विधानसभा 5 सीटों पर सुबह 11 बजे से मतगणना शुरू हो गई थी. वहीं, देहरा सीट पर निर्दलीय प्रत्याशी होशियार सिंह ने जीत हासिल कर ली है. होशियार सिंह को 21357वोट मिले हैं. कांग्रेस प्रत्याशी डॉ. राजेश शर्मा 16117वोट के साथ अभी दूसरे नंबर पर हैं, जबकि बीजेपी प्रत्याशी रमेश ध्वाला 14395वोट के साथ तीसरे नंबर पर रहे.
हिमाचल प्रदेश की एक मात्र देहरा विधानसभा सीट ऐसी सीट है, जहां पर अक्सर यह कहा जाता रहा है कि 'देहरा कोई नहीं तेरा'. इस विधानसभा सीट से चाहे किसी भी पार्टी के उम्मीदवार ने चुनाव क्यों न जीत हो, लेकिन इस विधानसभा सीट पर विकास के कार्यों को गति नहीं मिल सकी. यहां भाजपा और कांग्रेस के बीच मुख्य मुकाबला था. आजाद प्रत्याशी के तौर पर चुनाव लड़ रहे होशियार सिंह भाजपा व कांग्रेस दोनों पर भारी पड़े. (Dehra Assembly Seat Result) (Rajesh Sharma vs Ramesh Chand dhawala ) (Himachal Assembly Election Result 2022)
भाजपा प्रत्याशी रमेश ध्वाला: रमेश ध्वाला भाजपा के वरिष्ठ नेता होने के चलते एक बार ज्वालामुखी से विधायक भी रह चुके हैं. भाजपा हाईकमान ने रमेश ध्वाला को ज्वालामुखी से टिकट न देकर देहरा विधानसभा से लड़ने के निर्देश जारी किए. ऐसे में रमेश ध्वाला ने अपने दलबल के साथ देहरा पहुंचकर चुनाव प्रसार किया. इसी विधानसभा से बागी होशियार सिंह ने साल 2017 के चुनावों में रविंद्र सिंह रवि को हरा कर अपनी जीत सुनिश्चित की थी लेकिन इस बार पार्टी से टिकट ना मिलने के कारण उन्हें आजाद प्रत्याशी के तौर पर ही चुनाव लड़ना पड़ा. (HP Poll Result 2022)
निर्दलीय प्रत्याशी के तौर पर जीते होशियार सिंह के कुछ समय बाद भाजपा का दामन थाम लिया, लेकिन इस बार के विधानसभा चुनावों में भाजपा हाई कमान ने होशियार सिंह को दरकिनार करते हुए देहरा सीट से रमेश ध्वाला को टिकट दे दिया. इस बात से नाराज होशियार सिंह ने आजाद प्रत्याक्षी के तौर पर चुनाव लड़ा है. कांग्रेस प्रत्याशी डॉ. राजेश शर्मा ने भी इस चुनाव में जीत दर्ज करने के लिए पूरी ताकत झोंक दी थी.
2017 में होशियार सिंह ने मारी थी इश सीट पर बाजी:वहीं, बात अगर वर्ष 2017 के हुए विधानसभा चुनावों की करें तो इस सीट से निर्दलीय उम्मीदवार होशियार सिंह ने भाजपा के उम्मीदवार रविंद्र सिंह रवि को 3914 वोटों के अंतर से हराया था. वहीं, रविंद्र सिंह रवि ने साल 2012 के विधानसभा चुनावों में इस सीट से 15,293 वोटों से जीत दर्ज की थी. लेकिन 2017 के चुनावो में रविंद्र सिंह रवि को हर का मुंह देखना पड़ा था.