हिमाचल प्रदेश

himachal pradesh

ETV Bharat / state

कांगड़ा में कई इलाकों में घटा लिंगानुपात, नगरोटा बगवां में स्थिति चिंताजनक

स्वास्थ्य विभाग की मानें तो राष्ट्रीय स्तर पर जिला कांगड़ा में लड़कों के मुकाबले लड़कियों की संख्या संतोषजनक है, लेकिन 0 से 6 वर्ष आयु वर्ग की बच्चियों के मामले में यह स्थिति चिंताजनक है. स्वास्थ्य विभाग द्वारा उपलब्ध करवाए गए आंकड़ों के अनुसार नगरोटा बगवां में 1000 लड़कों के मुकाबले लड़कियों की दर 875 हैं.

कॉन्सेप्ट इमेज

By

Published : Jun 8, 2019, 5:24 PM IST

धर्मशाला: जिला कांगड़ा के बॉर्डर एरिया में घटता लिंगानुपात भले ही अब सुधार लिया हो, लेकिन जिला के सेंटर में स्थिति अभी भी चिंताजनक बनी हुई है. लिंगानुपात में नगरोटा बगवां चिकित्सा खंड सबसे निचले स्तर पर है, जहां 1000 लड़कों के मुकाबले लड़िकयों की दर 875 लड़कियां हैं.


स्वास्थ्य विभाग की मानें तो राष्ट्रीय स्तर पर जिला कांगड़ा में लड़कों के मुकाबले लड़कियों की संख्या संतोषजनक है, लेकिन 0 से 6 वर्ष आयु वर्ग की बच्चियों के मामले में यह स्थिति चिंताजनक है. स्वास्थ्य विभाग द्वारा उपलब्ध करवाए गए आंकड़ों के अनुसार नगरोटा बगवां में 1000 लड़कों के मुकाबले लड़कियों की दर 875 हैं, जबकि गंगथ में 877, इंदौरा में 882, भवारना में 884 और त्यारा में यह दर 888 है. पूरे कांगड़ा जिला की बात करें तो यहां लिंगानुपात 975 है.

जानकारी देते सीएमओ कांगड़ा

वर्ष 2011 की जनगणना के दौरान कांगड़ा के बॉर्डर एरिया में लिंगानुपात में काफी कमी थी, जिस पर स्वास्थ्य विभाग द्वारा शिविर आयोजित करके लोगों को जागरूक किया गया. वहीं अब यह कमी जिला के बॉर्डर एरिया से कुछ हद तक दूर हो गई है.


गौरतलब है कि भवारना चिकित्सा खंड में लिंगानुपात में कमी के आंकड़े सामने आने उपरांत स्वास्थ्य विभाग द्वारा तीन चिकित्सा खंडों का शिविर आयोजित किया गया था, जिसके माध्यम से लोगों को जागरूक किया गया. हालांकि विभाग द्वारा एक और शिविर प्रस्तावित था, लेकिन चुनाव आचार संहिता लगने के चलते उसका आयोजन नहीं हो पाया.


सीएमओ कांगड़ा डॉ. गुरदर्शन गुप्ता का कहना है कि लिंगानुपात में जो कमी पहले बॉर्डर एरिया में पाई जाती थी, वो कमी अब जिला के सेंटर एरिया में पहुंच गई है. नगरोटा बगवां में लड़कियों की दर 875 रह गई है, जबकि भवारना में यह दर 884 है. लड़कियों की दर हालांकि राष्ट्रीय स्तर पर जिला में बेहतर है, लेकिन 0 से 6 वर्ष आयु वर्ग में यह कमी चिंताजनक है. विभाग द्वारा कैंप आयोजित करके लोगों को इस बारे जागरूक किया जा रहा है.

ये भी पढ़ेंः लंबे इंतजार के बाद खनेरी अस्पताल में भरा गया रेडियो लॉजिस्ट पद, लोगों ने ली राहत की सांस

ABOUT THE AUTHOR

...view details