धर्मशाला:आयुर्वेद दैनिक वेतन भोगी चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों ने अपने नियमितीकरण के लिए डीसी कांगड़ा राकेश प्रजापति से गुहार लगाई है. चतुर्थ श्रेणी महासंघ ने डीसी कांगड़ा के माध्यम से मुख्यमंत्री को मांग पत्र भेजा है. संघ ने कहा कि सरकार की ओर से कर्मचारियों का नियमितीकरण न किए जाने पर वह डीसी कार्यालय के बाहर धरना प्रदर्शन करने को मजबूर हो जाएंगे
महासंघ के प्रदेशाध्यक्ष तरसेम कुमार ने कहा कि चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी पिछले 21 वर्षों से आयुर्वेद विभाग में अपनी सेवाएं प्रदान कर रहे हैं. इसके बावजूद विभाग और सरकार की ओर से उन्हें नियमित नहीं किया गया. प्रदेशाध्यक्ष ने कहा कि कुछ कर्मचारी बिना नियमित हुए ही सेवानिवृत्त हुए हैं और कुछ कर्मचारी नियमितीकरण की आस में स्वर्ग सिधार गए हैं.
महासंघ के प्रदेशाध्यक्ष तरसेम कुमार ने कहा कि 60 वर्ष की आयु में रिटायर होने के बाद भी चतुर्थ श्रेणी के कर्मचारी अपना व अपने परिवार का पालन पोषण करने में असमर्थ हैं. उन्होंने कहा कि अन्य विभागों में 5 साल से 1 साल के 240 दिन पूरे करने पर नियमित किया जाता है.
शिक्षा विभाग में 8 वर्ष व 5 वर्ष का दैनिक वेतन भोगी पद पर कार्यकाल पूरा करने पर नियमित किया जाता है, लेकिन आयुर्वेद विभाग में प्रदेश सरकार के नियमों और शर्तों को पूरा करते हुए 21 सालों की सेवा देने के बाद आज तक चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी नियमित नहीं हुए हैं. उन्होंने कहा कि जिन विभागों में रिक्त पदों की कमी थी, उन कर्मचारियों को अन्य विभागों के रिक्त पदों पर नियमित किया गया, लेकिन आयुर्वेद विभाग में कैबिनेट के माध्यम से न तो इन रिक्त पदों को भरा गया और न ही अन्य विभागों में रिक्त पदों को नियमित किया गया.
डीसी कांगड़ा राकेश कुमार प्रजापति ने कहा कि जिला प्रशासन की ओर से आयुर्वेद दैनिक वेतन भोगी चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी महासंघ की मांगों को सरकार तक पहुंचाया जाएगा, जिससे 1 वर्षों से एक ही विभाग में लगातार सेवाएं दे रहे चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों को नियमितीकरण का तोहफा मिल सके.
पढ़ें:बाता नदी में डूबे व्यक्ति का नहीं लगा कोई सुराग