कांगड़ा: सीएसआईआर (काउंसिल ऑफ साइंटिफिक एंड इंडस्ट्रियल रिसर्च) संस्थान पालमपुर ने शोध के बाद हाइड्रोपोनिक्स तकनीक विकसित की है. इस तकनीक के तहत ट्यूलिप फूल की हर महीने और लिलियम की साल में छह बार फसल ली जा सकेगी. इससे बिना मिट्टी साल में कई बार फूल तैयार किए जा सकेंगे. अभी तक लिलियम की फसल तैयार होने में 4 से 5 और ट्यूलिप फूल की फसल के लिए 3 से 4 माह का समय लगता था.
हाइड्रोपोनिक्स तकनीक कारागार होगी साबित
सीएसआईआर की हाइड्रोपोनिक्स तकनीक से खासकर गर्मियों में फूलों की कमी को पूरा किया जा सकेगा. देश में बढ़ती आबादी और कम हो रही जमीन के लिए यह तकनीक काफी कारागार साबित होगी. यह तकनीक तैयार करने के लिए सीएसआईआर में करीब दो साल से शोध चल रहा था. अभी नीदरलैंड, ऑस्ट्रेलिया समेत अन्य देशों से फूलों के बल्ब मंगवाए जाते थे, लेकिन अब फूलों की कमी को देश में पूरा किया जा सकेगा. संस्थान इस तकनीक का प्रशिक्षण फूल उत्पादकों को देगा. इससे आत्मनिर्भर भारत मिशन के तहत किसानों की आर्थिकी भी सुदृढ़ होगी.
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