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दिल्ली पुलिस का SI बताकर युवती से किया था दुष्कर्म, अदालत ने सुनाई 10 साल की सजा व 2 लाख 5 हजार जुर्माना - court sentenced to a man 10 years

अपने आप को दिल्ली पुलिस में एसआई पद पर तैनात होने के बहाने कॉलेज में पढ़ने वाली युवती से दोस्ती कर उसे नशीले पदार्थ पिलाकर दुष्कर्म करने व अश्लील वीडियो वायरल कर दिया था. इस मामले में दोषी को अदालत ने 10 साल कैद व दो लाख पांच हजार रुपये जुर्माना की सजा सुनाई है.

दिल्ली पुलिस का SI बताकर युवती से किया था दुष्कर्म, अदालत ने सुनाई 10 साल की सजा व 2 लाख 5 हजार जुर्माना

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Published : Nov 3, 2019, 11:18 AM IST

धर्मशाला: युवती से दोस्ती कर उसे नशीली दवा पिलाकर दुष्कर्म करने वाले दोषी को अदालत ने 10 साल कैद और 2 लाख पांच हजार रुपये जुर्माना अदा करने की सजा सुनाई है. मामले की जानकारी देते हुए जिला न्यायवादी राजेश वर्मा ने बताया कि इस संबंध में पीड़ित युवती ने 24 नवंबर 2016 को पालमपुर थाना में शिकायत दर्ज करवाई थी.

बता दें कि अपने आप को दिल्ली पुलिस में एसआई पद पर तैनात होने के बहाने कॉलेज में पढ़ने वाली युवती से दोस्ती कर उसे नशीले पदार्थ पिलाकर दुष्कर्म करने व अश्लील वीडियो वायरल कर दिया था. इस मामले में दोषी को अदालत ने 10 साल कैद व दो लाख पांच हजार रुपये जुर्माना की सजा सुनाई है. शिकायत में युवती ने कहा कि वह एक कॉलेज में प्रथम वर्ष की छात्रा है. जब भी वह सुबह कॉलेज जाती तो आशीष कुमार निवासी गंघण मरेरा जयसिंहपुर उसका पीछा करता था. इसके बाद उसने उसकी सहेली के माध्यम से उससे बात की.

आशीष ने बताया था कि वह दिल्ली पुलिस ने एसआई पद पर तैनात है और पिछले कुछ समय से वह छुट्टी पर आया है. जिसके बाद दोनों की दोस्ती हो गई. एक दिन आशीष ने उसे फोन किया और पालमपुर आने को कहा. जब युवती पालमपुर पहुंची तो आशीष ने कहा कि वे उसके साथ अपने जीवन के बारे में जरूरी बात करना चाहता है और उसे लेकर शहर के एक होटल में ले गया. होटल में पहुंचकर आशीष ने उसे पानी में कुछ मिलाकर पिला दिया और युवती बेहोश हो गई.

बेहोशी की हालत में आशीष ने युवती के साथ दुष्कर्म किया और उसकी वीडियो भी बना ली. वीडियो बनाने के बाद आशीष उसे ब्लैकमेल करने लगा कि अगर उसने 20 हजार रुपये नहीं दिए तो वह वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल कर देगा. पैसे न देने पर उसने वीडियो वायरल कर दी. पीड़िता की शिकायत के बाद पुलिस ने आरोपित आशीष को गिरफ्तार किया और पूछताछ में पता चला कि दिल्ली पुलिस में एसआई होने की बात उसने झूठ बताई थी.

पुलिस जांच के बाद अतिरिक्त सत्र एवं अतिरिक्त जिला न्यायधीश-3 रणजीत सिंह ठाकुर की अदालत में पहुंचे मामले में अभियोजन पक्ष की ओर से मामले की पैरवी जिला उप-न्यायवादी एनएल शर्मा ने की. अभियोजन पक्ष की ओर न्यायालय में कुल 17 गवाह पेश किए गए. गवाहों के बयानों के आधार पर न्यायाधीश रणजीत सिंह ठाकुर ने दोषी आशीष को 10 साल सश्रम कारवास और दो लाख पांच हजार रुपये जुर्माना की सजा सुनाई. जुर्माना अदा न करने की सूरत में दोषी को दो साल अतिरिक्त कारवास की सजा भुगतनी होगी.

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