धर्मशाला:पूर्व मंत्री एवं कांग्रेस के वरिष्ठ नेता जीएस बाली ने पत्रकार वार्ता में कहा कि कानूनों में बदलाव के पश्चात बहुत सी व्यवस्थाएं व्यापारिक हो गई हैं. बोलने की आजादी समाप्त हो गई है, न जानें कब किस पर देशद्रोह का मामला बन जाए. पिछले ढाई माह से चल रहे किसान अंदोलन पर कानून बदलने के बाद सरकार चर्चा को तैयार नहीं है. सैकड़ों किसान ठंड में ठिठुर रहे हैं, जो कि चिंताजनक है. सरकार को अंदोलन पर चर्चा करके समाधान निकालना होगा.
जमाखोरी अधिनियम समाप्त होने से आम जनता को मुश्किल
उन्होंने कहा देश तथा प्रदेश की सरकारें असंवेदनशील हो गई हैं. पहले जमाखोरी करने पर व्यापारियों को डर रहता था कि जमाखोरी करने पर सरकारें छापा मारती हैं. लेकिन जमाखोरी अधिनियम समाप्त होने के कारण अब सरकारें छापा नहीं मार सकेंगी. जमाखोरी अधिनियम निरस्त कर सरकार ने व्यापारियों को खुली छूट दे दी है. जिससे आम जनता को मुश्किल का सामना करना पड़ेगा.
सरकारी संपत्ति का निजीकरण
बाली ने कहा कि डीजल-पेट्रोल के दाम बढ़ रहे हैं. सरकार राजस्व बढ़ाने के लिए सरकारी संपत्ति का निजीकरण कर रही है. एक पेट्रोलियम कंपनी का विनिवेश कर दिया है. जिससे आम जनता को महंगाई, बेरोजगारी का सामना करना होगा जो सरासर अन्यायपूर्ण है.