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नूरपुर अस्पताल में गर्भवती महिला की मौत मामले में हो उच्चस्तरीय जांच: अजय महाजन - अजय महाजन

नुरपूर अस्पताल की स्वास्थ्य व्यवस्था पर सवाल खड़े करते हुए कांग्रेस नेता अजय महाजन ने कहा कि भाजपा सरकार के कार्यकाल में नूरपुर का सरकारी अस्पताल रेफरल अस्पताल से किलर अस्पताल बनकर रह गया है. हालात ऐसे हैं कि ढाई यह अस्पताल अब लोगों की जान पर भारी पड़ने लगा है.

ajay mahajan
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Published : Aug 3, 2020, 4:59 PM IST

नुरपूर/कांगड़ा: जिला कांग्रेस अध्यक्ष व नूरपुर के पूर्व विधायक अजय महाजन ने नुरपूर अस्पताल की स्वास्थ्य व्यवस्था पर सवाल खड़े किए हैं. अजय महाजन ने कहा कि भाजपा सरकार के कार्यकाल में नूरपुर अस्पताल रेफरल से किलर अस्पताल बनकर रह गया है. हालात ऐसे हैं कि यह अस्पताल अब लोगों की जान पर भारी पड़ने लगा है.

अजय महाजन ने आरोप लगाते हुए सरकार से मांग की है कि गत दिवस नुरपूर अस्पताल में एक गर्भवती महिला की संदिग्ध हालत में मौत हुई. जिसे लेकर परिवार ने नूरपुर थाने में शिकायत दर्ज भी करवाई है. अजय महाजन ने इस मामले की उच्चस्तरीय जांच और इलाज में लापरवाही बरतने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की.

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महाजन ने कहा कि नूरपुर के सिविल अस्पताल में प्रसूता महिला की हुई मौत के पीछे घोर लापवाही बरती गई है. आरोप लगाते हुए महाजन ने कहा कि भाजपा सरकार ने नूरपुर अस्पताल को लंबे समय से जोनल अस्पताल के दर्जे से नवाजा है, लेकिन न तो उस तर्ज की सुविधाएं अब तक अस्पताल में हैं और न ही विशेषज्ञ डॉक्टरों के साथ अन्य स्टाफ को पूरा किया गया है. ऐसे में जोनल अस्पताल मजाक का बिषय बनकर रह गया है.

महाजन ने कहा कि ढाई सालों में उक्त अस्पताल रेफरल अस्पताल तो था ही जहां छोटे मोटे मरीजों को भी टांडा रेफर किया जाता रहा है, लेकिन अब यह एक किल्लर हॉस्पिटल भी बन चुका है. महाजन ने आरोप लगाया कि कांग्रेस सरकार के कार्यकाल में बिजली जाने की स्थिति में लाखों की राशि का जनरेटर उपलब्ध करवाया था, लेकिन वर्तमान में उसमें तेल डालने की राशि भी मुहैया नहीं हो पा रही है. हालत यह है कि बिजली गुल होने पर अस्पताल में मोमबत्तियों की रोशनी पर मरीजों को निर्भर रहना पड़ता है.

महाजन ने कहा कि कांग्रेस सरकार के कार्यकाल में उनके प्रयासों से 10 करोड़ की लागत से मातृ शिशु अस्पताल स्वीकृत हुआ था, लेकिन तीन साल बीत जाने पर एक ईंट भी नहीं लग पाई है. सरकार से अपील की जाती है कि नूरपुर के अस्पताल की अव्यवस्था को सुधारने की ओर भी ध्यान दें, नहीं तो नूरपुर के ज्वलन्त मसलों को लटकाने के लिए वह धरना प्रदर्शन के लिए बाध्य हो जाएंगे.

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