पालमपुर: हिमाचल प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री शांता कुमार ने शनिवार के 87 साल के हो गए. हालांकि, शांता कुमार ने इस बार अपना जन्मदिन नहीं मनाया. शांता कुमार ने ये फैसला कोरोना संकट काल को देखते हुए लिया था. साथ ही उन्होंने लोगों से भी दूरी बनाए रखी. सीएम जयराम ही उनसे मिलने उनके घर पहुंचे. इसके साथ ही दिनभर उन्हें फोन पर ही जन्मदिन के बधाई संदेश मिलते रहे.
जन्मदिन के मौके पर पूर्व सीएम शान्ता कुमार ने कहा है कि उन्हें बहुत प्रसन्नता है कि मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर शिमला से चल कर मेरे पैतृक गांव गढ़-डरोह आये और जन्मदिन की मुझे बधाई दी. बधाई ही नहीं जन्मदिन पर इस क्षेत्र के विकास के लिए भी बहुत कुछ देकर मुझे जन्मदिन का उपहार देकर गए हैं.
शान्ता कुमार ने कहा कि जीवन में पहला ऐसा जन्मदिन मनाया जब बधाई देने वालों को उन्होंने स्वयं आने से रोका और मना किया. उनके जन्मदिन पर सैकड़ों मित्र घर पर आते थे. आज उनके आग्रह पर कोई नहीं आया, लेकिन मुझे पिछले जन्मदिन की तरह ही बहुत आनन्द आया. आनन्द परिस्थिति के कारण नहीं मनोस्थिति के कारण आता है. समय के अनुसार उन्होंने और आपने एक नियम बनाया और उस नियम को पूरी तरह निभाया, इसका आनन्द सबसे अधिक है. उन्होंने जन्मदिन की बधाई देने के लिए सभी सम्बन्धियों, मित्रों और कार्यकर्ताओं का भी आभार जताया है.
जिला कांगड़ा के गढ़जमूला में 12 सितंबर 1934 को जगन्नाथ शर्मा और कौशल्या देवी के घर शांता कुमार का जन्म हुआ था. पढ़ाई खत्म करने के बाद आरएसएस में मन लगने की वजह से वे दिल्ली चले गए. वहां जाकर संघ का काम किया और ओपन यूनिवसर्सिटी से वकालत की डिग्री की. इसके बाद वो दो बार प्रदेश के मुख्यमंत्री रहे और पानी वाले सीएम के नाम से मशहूर हुए.