धर्मशाला: बाल श्रम के खात्मे के लिए हर साल 12 जून को बाल श्रम निषेध दिवस मनाया जाता है. लेकिन हैरानी की बात ये है कि इस दिन भी लोग बाल मजदूरी कराने से परहेज नहीं करते. कांगड़ा जिला की समीपवर्ती इलाके में बाल मजदूरी व श्रम अधिनियमों की धड़ल्ले से अवमानना हो रही है.
इसका खुलासा तब हुा जब डमटाल, इंदौरा व भदरोआ में श्रम विभाग की ओर से सोमवार को दबिश दी गई. इन क्षेत्रों में न सिर्फ श्रम अधिनियमों की धज्ज्यिां उड़ाई जा रही है बल्कि सरकारी कार्य में बाधा भी पहुंचाई जा रही है. श्रम अधिकारी की छापेमारी के दौरान फलों का कारोबार करने वाली एक फर्म के प्रबंधक ने सरकारी कार्य में बाधा पहुंचाने के अलावा मौके से ही बाल मजदूर भगा दिए. वहीं, श्रम अधिकारी जब मौके पर पहुंचे तो वहां पर काम कर रहे 30 कर्मचारियों में से 5 की आयु 14 वर्ष से नीचे थी.