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निलंबित DSP ज्ञानचंद के खिलाफ स्पेशल कोर्ट में चार्जशीट दाखिल, एडीजीपी अनुराग गर्ग ने की पुष्टि - स्पेशल कोर्ट धर्मशाला

हिमाचल पुलिस के निलंबित डीएसपी ज्ञान चंद के खिलाफ रिश्वतखोरी मामले की विजिलेंस जांच पूरी होने के बाद अब स्पेशल कोर्ट फॉरेस्ट धर्मशाला में चार्जशीट दाखिल कर दी है. विजिलेंस के एडीजीपी अनुराग गर्ग ने इसकी पुष्टि की है.

Charge sheet filed against suspended DSP Gyanchand in special court dharamshala
निलंबित DSP ज्ञानचंद के खिलाफ स्पेशल कोर्ट में चार्जशीट दाखिल

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Published : Mar 5, 2021, 9:43 PM IST

धर्मशाला:हिमाचल पुलिस के निलंबित डीएसपी ज्ञान चंद के खिलाफ रिश्वतखोरी मामले की विजिलेंस जांच पूरी होने के बाद अब स्पेशल कोर्ट फॉरेस्ट धर्मशाला में चार्जशीट दाखिल कर दी है. विजिलेंस के एडीजीपी अनुराग गर्ग ने इसकी पुष्टि की है. जांच एजेंसी ने राज्य सरकार ने अभियोजन मंजूरी मांगी थी. गृह विभाग ने स्टेट विजिलेंस एंड एंटी करप्शन ब्यूरो को यह मंजूरी दे दी थी. अब आरोपित के खिलाफ कोर्ट में केस चलेगा. यह अधिकारी धर्मगुरु दलाईलामा की सुरक्षा में भी तैनात रह चुका है.

मामला दबाने के लिए मांगे थे 50 हजार रुपये

अगस्त 2019 में कांगड़ा जिले के जवाली में डीएसपी के पद पर सेवाएं देने के दौरान लेनदेन और एससी एसटी एक्ट के तहत दर्ज मामला दबाने के लिए 50 हजार रुपये रिश्वत की मांग की थी. तब उनके पास नूरपुर के डीएसपी का भी अतिरिक्त कार्यभार था. इन मामलों में एक आरोपित ने विजिलेंस में शिकायत की थी. इसमें दावा जताया था कि डीएसपी ने उस पर झूठा केस बनाया है.

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विजिलेंस टीम ने जाल बिछा रंगेहाथ दबोचा था

शिकायत के आधार पर विजिलेंस की धर्मशाला टीम ने अपना जाल बिछाया. शिकायतकर्ता ने 5 हजार रुपए पहले दे दिए थे और 45 हजार रुपए डीएसपी कार्यालय में नूरपुर में देने तय हुए. विजिलेंस की एक टीम पूरे मामले पर नजर बनाए रही. जैसे ही शिकायतकर्ता कार्यालय पहुंचा, वहां ज्ञान चंद ने रिश्वत के पैसे देने की मांग की. जैसे ही पैसे हाथ में पकड़े, विजिलेंस की टीम ने उसे रिश्वत लेने के आरोप में रंगेहाथ गिरफ्तार कर लिया. आरोपित काफी देर तक विजिलेंस टीम के आगे हाथ जोड़ता रहा, लेकिन अब उसकी सुनवाई होने की कोई उम्मीद नहीं थी.

डीएसपी को किया था निलंबित

डीएसपी के खिलाफ धर्मशाला में मामला दर्ज किया गया. डीएसपी को सरकार ने निलंबित कर दिया था. हालांकि आरोपित अपने आप को बेसकसूर बता रहा है. यह रिश्वतखोरी का मामला पुलिस थाना ज्वाली के तहत एक एससी-एसटी एक्ट के मामले के दौरान हुआ था. अगस्त 2019 में तत्कालीन डीएसपी ज्ञान चंद ने इस मामले को दबाने के लिए 50 हजार रुपये की मांग की थी.

इस संबंध में आरोपित ने विजिलेंस में शिकायत की थी और कहा था कि डीएसपी ज्ञान चंद ने उन पर झूठा केस बनाया है और 50 हजार रुपये मांग रहा है. पांच हजार रुपये एडवांस दिए जा चुके थे और 12 अगस्त 2019 को उसे 45 हजार रुपये कैश के साथ शिकायतकर्ता को डीएसपी कार्यालय नूरपुर में बुलाया था. विजिलेंस ने शिकायत के आधार पर इसके खिलाफ जाल बुना और आरोपित को रंगेहाथ गिरफ्तार किया.

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