कांगड़ा/ज्वालामुखी: ज्वालामुखी उपमंडल की ग्राम पंचायत कथोग ने बीपीएल मुक्त पंचायत होने की मिसाल कायम की है. इस पंचायत में बीपीएल के लगभग 110 परिवार पात्र थे, लेकिन अब पंचायत बीपीएल परिवार मुक्त हो गई है.
बता दें कि रविवार को कथोग में हुई ग्राम सभा मे सभी गांव के लोगों द्वारा निर्णय लेने के बाद उक्त पंचायत को बीपीएल मुक्त किया गया. पंचायत प्रधान मनीर मोहन ने कहा कि ये पंचायत बीपीएल के लिए अपात्र पाई गई है. इस बारे में प्रस्ताव लोगों के बीच पास कर दिया गया है.
इस संबंध मे बीडीओ देहरा राजीव सूद ने बताया कि कथोग पंचायत ने बताया है कि इस पंचायत में सभी लोग गरीबी रेखा के ऊपर हैं. उन्होंने कहा कि पंचायत प्रतिनिधि व ग्रामीणों ने प्रस्ताव पारित किया है कि इस पंचायत को बीपीएल मुक्त घोषित किया जाए. बीडीओ ने कथोग पंचायत के प्रतिनिधियों और सभी ग्रामवासियों को बधाई दी है.
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बता दें कि कथोग पंचायत में एक ग्राम सभा का आयोजन किया गया, जिसमें पंचायत प्रधान मनीर मोहन, बी डी सी मेंबर नितिन, पंचायत सेकेट्री सुरेंद्र सहित गॉववासी शामिल रहे. बैठक से पहले अधिकारियों द्वारा एक सर्वे किया गया, जिसमें जो बीपीएल की सूची में आने वाले लोगों की समीक्षा की गई. इस दौरान सरकार की तरफ से जारी किया गया एक शपथ पत्र पंचायात के सभी लोगों को दिया गया.
सरकार द्वारा जारी किए गए पत्र में ये दर्शाया गया था कि जिन लोगों के पास पक्का मकान नहीं है, जिनकी इनकम 2500 से ज्यादा नहीं है, वे मनरेगा में कम से कम 20 दिन काम करता हो, उसके पास कोई 4 व्हीलर न हो और उसके पास 52 हेक्टेयर से ज्यादा भूमि न हो वे ही बीपीएल के लिए पात्र होगा.
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इस बीच सर्वे में पाया गया कि उक्त कथोग पंचायत में कोई भी व्यक्ति बीपीएल में नहीं आता. ऐसे में इस पंचायत को बीपीएल मुक्त घोषित किया गया. हालांकि, इस बीच लगभग 26 ऐसे लोग थे, जो बीपीएल में अपना नाम दर्ज करवाने के दावा कर रहे थे, लेकिन सर्वेक्षण के दौरान ये बीपीएल की सूची से बाहर पाए गए.
क्या है मामला
दरअसल, सरकार को समय-समय पर शिकायतें आती रहती थी कि कुछ लोग बीपीएल की श्रेणी में अपने नाम दर्ज करवा चुके हैं. जबकि वे गरीबी रेखा से कहीं ऊपर हैं. ऐसे में पंचायत द्वारा ऐसे लोगों के खिलाफ कार्रवाई अमल में लाई जा रही है.