कांगड़ा: प्राकृतिक सौंदर्य से परिपूर्ण हिमाचल प्रदेश अपने हरे-भरे जंगलों, कलकल बहती नदियों, बर्फ से लदे पहाड़ों और जड़ी-बूटियों की वजह से विश्व के मानचित्र पर अपनी विशेष पहचान रखता है. हिमाचल के जंगलों में कई ऐसे फल-फूल और जड़ी-बूटियां मौजूद हैं, जो अपने विशिष्ट गुणों के कारण कई बीमारियों में रामबाण का काम करती हैं.
विशिष्ट गुणों से भरपूर- बुरांश फूल
ऐसे ही विशिष्ट गुणों से भरपूर है- बुरांश के फूल, जो जनवरी माह के अंत तक जंगलों में खिलना आरम्भ हो जाते हैं. इसके विशिष्ट गुणों से लोग साल भर इसके खिलने का इंतजार करते हैं. इसकी लोकप्रियता का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि बाजार में आते ही यह हाथों-हाथ बिक जाता है.
स्वास्थ्यवर्धक होता हैबुरांश का फूल
स्थानीय लोगों के अनुसार इन फूलों को विभिन्न जिलों में आमतौर पर बुरांस, ब्रास, बुरांस या बराह के फूल के नाम से जाना जाता है. विशेषज्ञों के अनुसार लाल रंग वाले बुरांश के फूलों का औषधीय महत्व अधिक होता है. कई शोधों के अनुसार बुरांसएंटी डायबिटिक, एंटीइंफ्लामेट्री और एंटी बैक्टिरियल गुणों से भरपूर होता है. इस तरह इन फूलों को बेहद स्वास्थ्यवर्धक माना जाता है. लोग इन्हें बवासीर, लीवर, किडनी रोग, खूनी दस्त, बुखार इत्यादि के दौरान प्रयोग में लाते हैं.
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