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जरूरतमंदों की सहायता के लिए मुख्यमंत्री राहत कोष से पैसे दिलवाए तो कोई पाप नहीं किया: परमार

प्रदेश विधानसभा अध्यक्ष विपिन सिंह परमार ने मुख्यमंत्री राहत कोष वितरण में पूर्व सीपीएस जगजीवन पॉल पर पलटवार करते हुए कहा कि 3 सालों में भाजपा सरकार ने हिमाचल प्रदेश व सुलह विधानसभा में जरूरतमंदों की सहायता की है. अगर गरीब लड़कियों के हाथ पीले करने के लिए मुख्यमंत्री राहत कोष से या अन्य किसी योजना से पैसे दिलवाए हैं तो कोई पाप नहीं किया.

प्रदेश विधानसभा अध्यक्ष विपिन सिंह परमार
प्रदेश विधानसभा अध्यक्ष विपिन सिंह परमार

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Published : Dec 17, 2020, 7:42 PM IST

पालमपुर: प्रदेश विधानसभा अध्यक्ष विपिन सिंह परमार ने मुख्यमंत्री राहत कोष वितरण में पूर्व सीपीएस जगजीवन पॉल पर पलटवार करते हुए कहा कि कांग्रेस के नेता व कांग्रेस नेतृत्वहीन है और मुद्दावहीन हैं और उनके पास कोई रोडमैप नहीं है.

विधानसभा अध्यक्ष विपिन सिंह परमार ने कहा कि 3 सालों में भाजपा सरकार ने हिमाचल प्रदेश व सुलह विधानसभा में जरूरतमंदों की सहायता की है. अगर गरीब लड़कियों के हाथ पीले करने के लिए मुख्यमंत्री राहत कोष से या अन्य किसी योजना से पैसे दिलवाए हैं तो कोई पाप नहीं किया.

उन्होंने कहा कि अगर किसी की किडनी को ट्रांसप्लांट करने के लिए व बहरे और गूंगे बच्चों के लिए कोकलियर इंप्लांट के लिए 5 लाख रूपये दिलवाए हैं तो हमने कोई पाप नहीं किया है और उसी तरीके से जो बच्चे पढ़ाई करना चाहते हैं, लेकिन पैसे का अभाव था उनके लिए हमने अगर पैसे की व्यवस्था की है कोई हमने पाप नहीं किया है.

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'आम जनता की भावना का हमेशा आदर करेंगे'

विधानसभा अध्यक्ष विपिन सिंह परमार ने कहा कि किसी की सहायता करने को कांग्रेस व कांग्रेस के नेता इसको पाप समझते हैं जुर्म समझते हैं, लेकिन हम आम जनता की भावना का हमेशा आदर करेंगे और सुलह विधानसभा क्षेत्र में जो जरूरतमंद हैं उनको हम झुकने नहीं देंगे. उनके मान सम्मान की रक्षा करना चुने हुए प्रतिनिधि की जिम्मेदारी है.

विपिन सिंह परमार ने कहा कि सुलह विधानसभा में मुख्यमंत्री राहत कोष या अन्य योजनाओं के द्वारा जो कांग्रेस कार्यकाल वर्ष 2012 से 2017 में हुए मुख्यमंत्री राहत कोष से धन वितरण की जानकारी ली जा रही है और 15 दिनों के बाद इसे भी सार्वजनिक किया जाएगा.

आवंटन को बंदरबांट करार दिया था

गौर हो कि बुधवार को पूर्व सीपीएस जगजीवन पाल ने सुलह विधानसभा में मुख्यमंत्री राहत कोष से आवंटित धन पर अनेकों आरोप लगाए थे. उन्होंने भाजपा कार्यकर्ताओं की सूची भी जारी कर इस आवंटन को बंदरबांट करार दिया था. वहीं, उचित जांच के लिए सरकार को 15 दिनों का अल्टीमेटम देकर आंदोलन की धमकी भी दी है.

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