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प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना के तहत जिला स्तरीय बैठक, मछली उत्पादन व आय बढ़ाने पर हुई चर्चा - फिनफिश हैचरी

मत्स्य पालन को बढ़ावा देने के उद्देश्य से केन्द्र सरकार की ओर से प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना प्रारंभ की गई है. योजना के तहत गठित जिला स्तरीय समिति की पहली बैठक अतिरिक्त उपायुक्त एवं समिति के अध्यक्ष राहुल कुमार की अध्यक्षता में आयोजित की गई. इस दौरान एडीसी ने कहा यह योजना वातावरण के अनुकूल और जिला में मत्स्य पालन की संभावनाओं को विस्तृत स्वरूप प्रदान करने में उपयोगी सिद्ध होगी.

Prime Minister Matsya Sampada Yojana
प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना के तहत जिला स्तरीय बैठक

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Published : Sep 17, 2020, 5:14 PM IST

धर्मशाला:प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना के अंतर्गत गठित जिला स्तरीय समिति की पहली बैठक वीरवार को डीआरडीए के सभागार में अतिरिक्त उपायुक्त एवं समिति के अध्यक्ष राहुल कुमार की अध्यक्षता में आयोजित की गई. बैठक में समिति के प्रारूप, कार्यों एवं वार्षिक कार्य योजना पर चर्चा की गई.

इस दौरान एडीसी ने कहा मत्स्य पालन को बढ़ावा देने के उद्देश्य से केन्द्र सरकार की ओर से प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना प्रारंभ की गई है. उन्होंने कहा कि यह योजना वातावरण के अनुकूल और जिला में मत्स्य पालन की संभावनाओं को विस्तृत स्वरूप प्रदान करने में उपयोगी सिद्ध होगी. उन्होंने विभागीय अधिकारियों से आग्रह किया कि वे अधिक से अधिक लोगों को इस योजना से जोड़ने के लिए प्रभावी कदम उठाएं. बैठक में कहा गया कि इस योजना के माध्यम से मत्स्य उत्पादन एवं पैदावार को बढ़ावा दिया जा रहा है. योजना आगामी पांच वर्षों तक लागू रहेगी और इसके माध्यम से मत्स्य पालकों की आय दोगुना करने का लक्ष्य रखा गया है.

प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना के तहत जिला स्तरीय बैठक,

एडीसी ने बताया कि कांगड़ा जिला (मंडल पौंग डैम व मंडल पालमपुर) में इस योजना के अंतर्गत वर्ष 2020-21 के लिए लगभग 11 करोड़ 38 लाख रुपये की कार्ययोजना तैयार की गई है. इसमें 6 हेक्टेयर से अधिक भूमि को मत्स्य तालाब निर्माण के अंतर्गत लाने का लक्ष्य रखा गया है. इसमें एक इकाई की लागत लगभग 12 लाख रुपये आंकी गई है जबकि इस वर्ष इस घटक में परियोजना लागत 72.40 लाख रुपये रखी गई है. इस योजना में सामान्य वर्ग के लाभार्थियों को 40 प्रतिशत जबकि अनुसूचित जाति, जनजाति एवं महिला वर्ग से आने वाले लाभार्थियों को 60 प्रतिशत अनुदान का प्रावधान किया गया है. शेष राशि लाभार्थी को स्वयं खर्च करना होगा.

योजना के अंतर्गत फिश कियोस्क स्थापित करने, आइस बॉक्स के साथ मोटर साइकिल व तिपहिया वाहन, लघु फिश फीड मिल, प्रशिक्षण, जागरूकता, जोखिम व क्षमता निर्माण, आइस प्लांट, इंसुलेटेड व्हीकल, ट्राउट हैचरी, स्वच्छ जल में फिनफिश हैचरी, मछुआरों को नाव व जाल मुहैया करवाना, रीयरिंग तालाब तथा बायोफलॉक तालाब के निर्माण, मछली पकड़ने के प्रतिबंध, कुपोषण की अवधि के दौरान मत्स्य संसाधनों के संरक्षण के लिए सामाजिक-आर्थिक रूप से पिछड़े सक्रिय पारंपरिक मछुआरों परिवारों के लिए आजीविका और पोषण सम्बन्धी सहायता, मछली पालकों के लिए बीमा का भी प्रावधान रखा गया है. सहायक निदेशक मत्स्य पालन डॉ. लवल कुमार ने बैठक का संचालन किया और प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना की विस्तार से जानकारी दी.

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