धर्मशाला: अतिरिक्त उपायुक्त कांगड़ा राघव शर्मा की अध्यक्षता में बुधवार को डीआरडीए के सभागार में जिला टीबी फोरम और क्षय रोग निवारण समिति की गतिविधियों की समीक्षा बैठक आयोजित की गई. बैठक में मरीजों को जिला टीबी फोरम के अधिकार व दायित्व के बारे में जागरूक किया गया एवं टीबी उन्मूलन हेतु कई पहलुओं पर विशेष चर्चा भी की गई.
इस अवसर पर राघव शर्मा ने जानकारी दी कि क्षय रोग के खात्मे के लिए प्रधानमंत्री ने प्रदेश के सभी मुख्यमंत्रियों को पहले ही इस बाबत बड़े और गम्भीर प्रयास कर 2025 तक भारत को टीबी मुक्त भारत बनाए जाने के लिए पत्र लिखा है. 24 मई, 2018 को टीबी उन्मूलन के लक्ष्य प्राप्ति के लिए प्रदेश के मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने 'टीबी मुक्त हिमाचल' अभियान और 'मुख्यमंत्री क्षय रोग निवारण योजना' की शुरुआत की थी.
बैठक में टीवी की बीमारी से ठीक हो चुके रोगियों ने अपने-अपने अनुभव सबके साथ सांझा किए. सभी प्रतिभागियों ने इस अभियान में बढ़-चढ़ कर भाग लेने की प्रतिबद्धता दिखाई. राष्ट्रीय एड्स नियंत्रण समिति बैठक की अध्यक्षता करते हुए शर्मा ने बताया कि एचआईवी संक्रमित व्यक्तियों को समाज में किसी भी प्रकार के सामाजिक और आर्थिक भेदभाव का सामना न करना पड़े, यह भी समाज का दायित्व है.
राघव शर्मा ने कहा की वर्तमान में जिला कांगड़ा में 1253 एचआईवी उपचाराधीन रोगी हैं. इनकी जरूरतों के आकलन के लिए जिला प्रशासन एक मुहिम चलाई जाएगी और यह सुनिश्चित किया जाएगा कि सरकार द्वारा चलाई जा रही विभिन्न योजनाओं का लाभ इन्हें प्राप्त हो सके.
वहीं, मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ.गुरदर्शन गुप्ता ने बताया कि भारत सरकार द्वारा हिमाचल बड़े राज्यों मे क्षय रोग उन्मूलन में अव्वल आंका गया है. साल 2019 के कार्य निष्पादन संकेतक के आधार पर हिमाचल ने पूरे देश में तीसरा स्थान प्राप्त किया है. इसी कड़ी में जिला कांगड़ा ने पूरे देश में 39वां स्थान प्राप्त किया है. उन्होंने बताया कि जिला कांगड़ा में साल 2019 में 3679 मामले टीवी के खोजे गए और साल 2020 में जिला कांगड़ा में 31 जुलाई तक 1643 टीबी के मामले सामने आए हैं. उन्होंने बताया कि साल 2019 में बिगड़ी हुई टीबी जिसे ड्रग रेजिस्टेंट टीबी भी कहते हैं उसके 581 मामले पाए गए, जिनमें से 115 जिला कांगड़ा से हैं.