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हिमाचल के हर जिले में चाहिए 'धौलाधार क्लीनर्स' जैसी सोच, देखें कैसे शुरू हुई इनकी कहानी - इन्द्रू नाग

करीब एक साल पहले धर्मशाला के कुछ लोगों ने धौलाधार क्लीनर्स मिलकर एक ग्रुप बनाया था. जिसका उद्देश्य था कि आसपास के इलाकों में कूड़ा न फैल सके, उसे उठाया जाए और लोगों को जागरूक किया जाए ताकि प्रदेश की खूबसूरती कूड़े की वजह से खराब न हो. स्थानीय लोगों के साथ एक टीम बनाई गई और उनके साथ मिलकर इन्द्रू नाग इस स्थान को पिछले एक वर्ष से साफ सुथरा रखा जा रहा है. मौजूदा समय में 500 से ज्यादा लोकल लोग धौलाधार क्लीनर्स के साथ जुड़े हुए हैं.

Dhauladhar Cleaners
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Published : Sep 14, 2020, 11:02 PM IST

धर्मशाला: हिमाचल के पहाड़ों का दीदार करने के लिए देश और दुनिया के हर कोने से लोग पहुंचते हैं. साल भर सैलानियों का आना जाना लगा रहता है. सैलानी अपनी यादें समेट कर चले जाते हैं, लेकिन कुछ गैर जिम्मेदार लोगों की वजह से कूड़े और गंदगी के रूप में हिमाचल के लोगों के लिए सौगात छोड़ जाते हैं.

इसी समस्या का समाधान लेकर करीब एक साल पहले धर्मशाला के कुछ लोगों ने धौलाधार क्लीनर्स मिलकर एक ग्रुप बनाया था. जिसका उद्देश्य था कि आसपास के इलाकों में कूड़ा न फैल सके, उसे उठाया जाए और लोगों को जागरूक किया जाए ताकि प्रदेश की खूबसूरती कूड़े की वजह से खराब न हो.

धौलाधार क्लीनर्स का लगाया हुआ साइन बोर्ड.

धौलाधार क्लीनर्स ने सबसे पहले धर्मशाला के पास इन्द्रू नाग स्थान को सफाई के लिए चुना, शुरुआत में कुछ परेशानियां सामने आई, लेकिन धीरे-धीरे लोकल लोगों का साथ मिलने लगा, लोग जागरूक होने लगे. अब धौलाधार क्लीनर्स यह ग्रुप रविवार के दिन सफाई करने आते हैं.

धौलाधार क्लीनर्स की टीम.

धर्मशाला के रहने वाले और पेशे से कार्टूनिस्ट अरविंद ने धौलाधार क्लीनर्स को शुरू करने की कहानी भी बताई. कार्टूनिस्ट अरविंद ने कहा कि एक दिन अपने बेटे के साथ इन्द्रू नाग आए थे. यहां घूमते वक्त बेटे को वहां पर शराब की बोतलें दिखाई दी, जिस वजह से उन्हें चिंता हुई कि हम अपने आने वाले जनरेशन को क्या छोड़ के जा रहे हैं.

वीडियो रिपोर्ट.

अरविंद ने कहा कि उसके बाद सोचा कि इन्द्रू नाग हम हर रविवार को आते थे, तो सोचा यहीं से सफाई अभियान शुरू करते हैं, ताकि एक सन्देश जाए और लोगों में भी जागरूकता फैले. धौलाधारक्लीनर्स को एक साल काम करते हो गया है और अब लोकल लोगों की हमें बेहतर मदद मिल रही है. उन्होंने कहा कि कूड़ा उठना मकसद नहीं है, समाधान करना मकसद है. जिसके उपर हम काम रहे हैं.

वहीं, केंद्रीय विश्वविद्यालय धर्मशाला की छात्रा संध्या भी धौलाधार क्लीनर्स के साथ जुड़ी हुई हैं. उहोंने कहा कि वह धौलाधार क्लीनर्सके साथपिछले एक वर्ष से इस मुहिम से जुड़ी हुई हैं. हमारा मकसद था कि कूड़े के जो ढेर लग रहे हैं, उसे खत्म करें. इसलिए स्थानीय लोगों के साथ एक टीम बनाई गई और उनके साथ मिलकर इन्द्रू नाग इस स्थान को पिछले एक वर्ष से साफ सुथरा रखा जा रहा है.

धौलाधार क्लीनर्स के सदस्य अभय कार्की कहते हैं कि लोगों में परिवर्तन आया है क्योंकि जो यहां के लोकल दुकानदार हैं, वो अब लोगों को कूड़ा फेंकने नहीं देते हैं. हमारा मकसद कूड़ा उठना नहीं था, जबकि जागरूक करना था.

उन्होंने कहा कि लॉकडाउन जब लगा तो लाभ हुआ तो पर्यवरण साफ हुआ था, लेकिन अब टूरिस्ट यहां आ नहीं रहे हैं, लेकिन फिर भी कूड़ा फैल रहा है. अब लोकल लोगों जो यहां आ रहे हैं, उनके द्वारा गंदगी फैलाई जा रही है.

धौलाधार क्लीनर्स के ही एक और सदस्य आंनद कहते हैं कि शुरुआत के दौर में हमारे साथ लोग जुड़े, लेकिन कभी कम भी हुए. मौजूदा समय में 500 से ज्यादा लोकल लोग धौलाधार क्लीनर्स के साथ जुड़े हुए हैं. साथ ही इस मुहिम के बारे में सोशल मीडिया के माध्यम से भी जागरूक किया जा रहा है.

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