धर्मशाला: जिला कांगड़ा व चंबा में शिवा प्रोजेक्ट के तहत 67 नए कलस्टर प्रस्तावित किए गए हैं, जिनके माध्यम से साढ़े ग्यारह सौ हेक्टेयर एरिया को शामिल किया जाएगा. परियोजना के तहत इम्पोर्टेड प्लांटस लगाए जा रहे हैं, जो कि नई किस्मों के हैं, जिनकी हाई वेल्यू होगी.
यही नहीं परियोजना के तहत फ्रूटस भंडारण व मार्केटिंग की व्यवस्था भी की जा रही है. हिमाचल प्रदेश के ग्रामीण विकास, उद्यान और जल शक्ति विभागों ने राज्य के लोगों को स्वाबलंबी बनाने की दिशा में शिवा परियोजना के माध्यम से अनोखी पहल की है.
हिमाचल प्रदेश उप-उष्णकटिबंधीय बागवानी, सिंचाई और मूल्य संवर्धन परियोजना (शिवा) एशियन विकास बैंक के सौजन्य से प्रदेश के विभिन्न जिलों में आरंभ की गई है. इन क्षेत्रों में फलों के लिए जलवायु की अनुकूलता, किसानों की मांग के अनुसार लाभदायिक फलों के बगीचे विकसित किये जा रहे हैं.
जसवां-परागपुर 700 करोड़ रुपये की योजना प्रस्तावित
वहीं, फ्लड प्रोटेक्शन के लिए जसवां-परागपुर 700 करोड़ रुपये की योजना प्रस्तावित की गई है. छौंछ खड्ड किनारे भूमि कटाव रोकने के लिए 172 करोड़ रुपये की योजना प्रथम चरण में थी, जबकि दूसरे चरण की राशि मिलाकर यह 323 करोड़ रुपये की योजना प्रस्तावित है. इसके अतिरिक्त हारसीपतन से सुजानपुर तक के लिए ब्यास के दोनों तटों पर भूमि कटाव रोकने के लिए प्रोजेक्ट प्रपोज किया गया है, जिसकी डीपीआर बनाई जा रही है.
67 नए कलस्टर के तहत साढ़े ग्यारह सौ हेक्टेयर एरिया प्रस्तावित है
वहीं, सुशील जस्टा, चीफ इंजीनियर, जल शक्ति विभाग नॉर्थ जोन धर्मशाला ने कहा कि शिवा प्रोजेक्ट के तहत कांगड़ा-चंबा में 67 नए कलस्टर के तहत साढ़े ग्यारह सौ हेक्टेयर एरिया प्रस्तावित है. जिसमें नई किस्म के फ्रूट्स प्लांटस लगाए जाएंगे.
फ्लड प्रोटेक्शन के लिए जसवां-परागपुर में 700 करोड़, जबकि छौंछ खड्ड के लिए दूसरे चरण को मिलाकर 323 करोड़ की योजना प्रस्तावित है. इसके अतिरिक्त हारसीपतन से सुजानपुर तक ब्यास के दोनों तटों पर भूमि कटाव रोकने की योजना हेतू डीपीआर का कार्य चल रहा है.