हमीरपुर: हिमालयन वन अनुसंधान शिमला के बैनर तले ब्यास नदी बेसिन के पुनरुत्थान को लेकर वन वृत्त हमीरपुर के कांफ्रेंस हॉल में बैठक का आयोजन किया गया.
इस बैठक में ब्यास के पुनरुत्थान को लेकर बनाई जा रही रणनीति चर्चा की गई और रिपोर्ट विकसित करने के लिए भी विभिन्न विभागों के अधिकारियों ने अपने परामर्श रखें. हाल ही के दिनों में प्रचंड बारिश के बाद ब्यास नदी में आए तूफान से कुल्लू और मंडी जिला में भारी तबाही मची थी.
बता दें कि गंगा की तर्ज पर ही इंडस रीजन की पांच नदियों के बेसिन के पुनरुत्थान को डीपीआर तैयार करने के लिए योजना बनाई गई है. इंडस रीजन में जम्मू और कश्मीर की 2 नदियां और हिमाचल प्रदेश से निकलने वाली 3 नदियां शामिल हैं.
इस योजना के तहत बैठक में रणनीति बनाई गई और विभिन्न विभागों के अधिकारियों ने अपनी महत्ता को लेकर विचार भी रखें. इसमें प्रदेश के वन, कृषि, बागवानी, पशु पालन, हाइड्रो इलैक्ट्रिक परियोजनाओं, राजस्व, आईपीएच, लोक निर्माण विभाग जैसे हितधारक विभागों के अधिकारी शामिल रहे.
इस अवसर पर हिमालय वन अनुसंधान शिमला के निदेशक एसएस सावंत ने बताया कि इस कार्यशाला में वन विभाग, कृषि विभाग, हाइड्रो इलैक्ट्रिक परियोजनाओं, निर्माण विभाग, सिंचाई एवं जन स्वास्थ्य विभाग सहित विभिन्न विभागों ने भाग लिया और उनसे ब्यास नदी के बेसिन के पुर्नउत्थान के लिए चर्चा की गई. उन्होंने कहा कि गंगा की तर्ज पर ही इंडस रीजन की पांच नदियों के पुनरुत्थान के लिए डीपीआर तैयार की जाएगी.