भोरंज/हमीरपुर:कोरोना महामारी के दौरान घरों में महिलाओं ने सेरी कल्चर को बढ़ावा देने के साथ ही अपनी आर्थिक स्थिति को मजबूत करने जुट गई हैं. रेशम की अच्छी पैदावार होने पर महिलाएं इस कार्य को बेडे़ पैमान पर करने के लिये तैयार हो गई हैं. इससे आने वाले समय में हमीरपुर और ऊना जिले में सेरी कल्चर व्यवसाय को मजबूती मिलेगी.
महिलाएं दे रही हैं सेरी कल्चर को बढ़ावा
बता दें कि मार्च महीने में उद्योग विभाग द्वारा बनाए गए हमीरपुर और ऊना जिले के 10 रेशम पालन एवं प्रशिक्षण केंद्रों में 3 राज्यों कर्नाटक के मैसूर, उत्तराखंड के देहरादून और हिमाचल प्रदेश के पालमपुर से करीब 1087 औंस रेशम बीज पहुंचा है और इसे हमीरपुर जिला में सेरी कल्चर अर्थात रेशम पालन के लिए करीब 1900 किसान और ऊना जिले में 350 किसान को अप्रैल महीने में चिंतपूर्णी, मनबरी, उसूर प्रजातियों के रेशम बीज वितरित किया गया.
विभाग ने घर-घर जाकर किया रेशम कीट पालन का निरीक्षण
कोरोना महामारी के चलते किसानों ने अपने घरों में रेशम पालन की ओर विशेष ध्यान देकर 20 से 25 दिनों में अच्छा रेशम उत्पादन किया. इसके लिए विभाग के कर्मचारियों ने घर-घर जाकर रेशम कीट पालन का निरीक्षण कर किसानों को बेहतर उत्पादन के लिए जागरूक किया है.
उत्तम किस्म का रेशम तैयार