बड़सरःआईपीएच विभाग बड़सर के अंतर्गत पड़ने वाली महारल-दुख्योड़ा पेयजल स्कीम के तहत एक दर्जन गांव के लोगों को पेयजल की किल्लत से जूझना पड़ रहा है. अभी गर्मियों के मौसम शुरू भी नहीं हो पाया है और 4 दिनों से लोग बूंद-बूंद को तरस रहे हैं.
स्टोरेज पानी से किचन गार्डन में लगाई हुई सब्जियों की कर रहे सिंचाई
जानकारी ये भी है कि ढटवाल क्षेत्र के कई लोगों ने पेयजल पाइपों से सीधे तौर पर टुल्लू पंप को जोड़कर पानी को स्टोरेज किया जा रहा है. स्टोरेज किए हुए पानी से अपने किचन गार्डन में लगाई हुई सब्जियों की सिंचाई कर रहे हैं. इसके चलते भी लोगों को पानी के लिए तरसाना पड़ रहा है.
हैरानी की बात यह है कि एक तरफ संबंधित विभाग लोगों को पेयजल की बेहतर सुविधा उपलब्ध करवाने का राग अलाप कर रही है, लेकिन धरातल पर सब कुछ इसके विपरीत है. मार्च महीने के पहले हफ्ते में ही परियोजना के हांफने से लोगों की चिंताएं बढ़ गई हैं. महारल व आस पास के लगभग एक दर्जन गांव को पिछले चार दिनों से आपूर्ति नहीं न मिलने से लोगों ने आईपीएच विभाग व प्रशासन से तुरन्त इस समस्या का हल करने की मांग की है.
रिपेयर करने के बाद पेयजल आपूर्ति होगी सुचारू
इस संदर्भ में कनिष्ठ अभियंता आईपीएच अनिल धीमान का कहना है कि परियोजना में रिपेयर का काम चला हुआ था, इस वजह से दिक्कत पेश आई है. रविवार से पेयजल आपूर्ति सुचारू करवा दी जाएगी.
पढ़ें-'जयराम सरकार का बजट निराशाजनक, कर्ज की बैसाखियों के सहारे चलेगी सरकार'