हमीरपुर: संसदीय क्षेत्र हमीरपुर में बंपर वोटिंग करवाने में कांग्रेसी विधायक भाजपा विधायकों से औसतन 3 फीसदी आगे रहे. वर्तमान समय में हमीरपुर संसदीय सीट में 17 विधानसभा क्षेत्रों में 10 विधानसभा क्षेत्रों में भाजपा विधायक सत्तासीन हैं जबकि 6 विधायक विपक्षी दल कांग्रेस के हैं. 1 विधानसभा क्षेत्र देहरा में निर्दलीय विधायक सत्तासीन है.
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अगर बीजेपी और कांग्रेस दोनों दलों के विधायकों के विधानसभा क्षेत्रों के तुलनात्मक औसत वोटिंग प्रतिशतता निकाली जाए तो भाजपा के 10 सत्ताधारी विधानसभा क्षेत्रों में 71.78 प्रतिशत मतदान हुआ है जबकि कांग्रेसी विधायकों के 6 विधानसभा क्षेत्रों का औसत मतदान 3 प्रतिशत अधिक 74.86 फीसदी है.
बता दें कि भाजपा की प्रदेश की जयराम सरकार में हमीरपुर संसदीय सीट से तीन मंत्री आते हैं. इन तीन मंत्रियों के विधानसभा क्षेत्रों में वोटिंग प्रतिशत पर नजर दौड़ाई जाए तो कुटलैहड़ विधानसभा क्षेत्र से पंचायती राज मंत्री वीरेंद्र कंवर के को छोड़ दिया जाए तो जयराम सरकार के दो मंत्री बंपर वोटिंग में फिसड्डी साबित हुए हैं.
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विधानसभा चुनावों में 12964 के भारी अंतर से जीत दर्ज करने वाले सरकार में नंबर दो माने जाने वाले आईपीएच मिनिस्टर महेंद्र सिंह ठाकुर के विधानसभा क्षेत्र धर्मपुर में हमीरपुर संसदीय क्षेत्र का सबसे कम मतदान 62.71 प्रतिशत देखने को मिला है, जो की ओवरऑल मतदान से लगभग 10 फीसदी कम है. वहीं, यही हालात उद्योग मंत्री विक्रम सिंह के गृह विधानसभा क्षेत्र जसवां प्रागपुर के हैं. विधानसभा चुनाव में भी विक्रम सिंह ने महज 1862 मतों के अंतर के साथ जीत हासिल की थी, लेकिन मंत्री गृह विधानसभा क्षेत्र होने के चलते यहां पर बंपर वोटिंग के आसार लगाए जा रहे थे, लेकिन यहां पर भी हमीरपुर संसदीय सीट के औसत मतदान 72.65 से तीन प्रतिशत कम 69.69 प्रतिशत मतदान देखने को मिला.
महेंद्र सिंह ठाकुर, वीरेंद्र कंवर व विक्रम सिंह (डिजाइन फोटो) ऊना जिला से पंचायती राज मंत्री वीरेंद्र कंवर ने अपने विधानसभा क्षेत्र कुटलैहड़ में 75.80 प्रतिशत मतदान हुआ है जो कि हमीरपुर संसदीय सीट में हुए औसत मतदान से ढाई प्रतिशत अधिक है. पंचायती राज मंत्री ने विधानसभा चुनावों में 5606 मतों से जीत हासिल की थी.
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फिलहाल 23 मई को नतीजे आने के बाद ही ये स्पष्ट होगा कि बढ़ा हुआ मतदान किस दल के पाले में गया है, लेकिन कुछ हद तक बंपर वोटिंग करवाने में कांग्रेसी विधायक का बाजी मार गए हैं. 23 मई को नतीजे आने के बाद लीड और जीत का संशय भी समाप्त हो जाएगा.