हिमाचल प्रदेश

himachal pradesh

By

Published : Jun 12, 2020, 4:36 PM IST

ETV Bharat / state

बाजार में फिर पहुंचने लगा पॉलीथिन, बड़े-बड़े बैग में भरकर आ रही सब्जियां

हिमाचल प्रदेश में 2009 में पॉलीथिन बैन कर दिया गया था, लेकिन लॉकडाउन के बाद फिर से बाजारों में बाहरी राज्यों से आने वाले सामान के साथ पॉलीथिन के कैरी बैग पहुंचना शुरू हो गए हैं. लोगों का कहना है कि यह कैरी बैग सड़कों पर गिरे हुए नजर आते हैं. प्रशासन को वक्त रहते लापरवाही बरतने वालों के खिलाफ कार्रवाई करनी चाहिए.

vegitable market
बाजार में फिर पहुंचने लगा पॉलीथीन बैग

भोरंज/हमीरपुर: लॉकडाउन के बादहिमाचलसरकार की ओर से पॉलीथिन पर लगाया गया प्रतिबंध सरकारी उदासीनता के कारण बेअसर साबित होने लगा है. कोरोना महामारी के चलते लॉकडाउन की घोषणा हो गई, जिसके बाद भोरंज के विभिन्न क्षेत्र भरेड़ी, बस्सी, तरक्वाड़ी, पट्टा, जाहू, सुलगवान में फिर दुकाने खुलने पर सब्जियों के साथ पॉलीथीन कैरी बैग आना शुरू हो गया है.

मौजूदा समय में पर्यावरण को पॉलीथीन से भी सबसे ज्यादा नुकसान हो रहा है. खासकर शहरी इलाकों में इसके इस्तेमाल से सबसे ज्यादा प्रभाव पड़ रहा है. इसी को ध्यान में रखते हुए हिमाचल सरकार ने साल 2009 में पॉलीथीन को बैन कर दिया था.

वहीं, सरकार और प्रशासन की लगातार कार्रवाई और जागरूकता अभियान के चलते शहर में सब्जी विक्रेताओं, रेहड़ी-फड़ी और खुदरा दुकानदारों ने पॉलीथीन रखना बंद कर दिया था, लेकिन हिमाचल में फिर से बाहरी राज्यों से अधिकतर सब्जियां पॉलीथिन में आनी शुरू हो गई है.

हालांकि प्रशासन की ओर से लोगों को खरीददारी करने के लिए अपना बैग साथ लेकर चलने की सलाह दी जाती थी, लोग भी इसके चीज के आदी भी हो गए थे. इसी बीच लॉकडाउन में इस तरफ ध्यान न देने से बैन हो चुके पॉलीथिन के कैरी बैग बाहरी राज्यों से सब्जी के साथ बाजार में पहुंच रहे हैं.

हिमाचल में बैन होने के बाद पॉलीथिन वेस्ट बहुत कम हो गया था, जोकि प्रशासन के लिए बहुत बड़ी राहत थी. अब फिर पॉलीथिन कैरी बैग के बाजार में पहुंचने से प्लास्टिक कचरे की मात्रा बढ़ने लगी है.

लोगों का कहना है कि सडकों पर व अन्य स्थानों पर बिखरे प्लास्टिक को बेसहारा पशु खा लेते हैं. जिससे उनकी कई बार मौत भी हो जाती है. प्रशासन की इस ओर ध्यान देना चाहिए और लापरवाही बरतने वालों के खिलाफ कार्रवाई करनी चाहिए.

पढ़ें:सुंदरनगर के 2 रिटायर्ड शिक्षकों की मेहनत लाई रंग, 42 डिग्री तापमान में उगा डाला सेब

ABOUT THE AUTHOR

...view details