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Hamirpur: बेमौसम बारिश से 350 मीट्रिक टन आम की फसल तबाह, बागवानों को लाखों का नुकसान - Loss of lakhs to Hamirpur gardeners

बेमौसम बारिश ने हमीरपुर जिले के किसानों और बागवानों की उम्मीदों पर पानी फेर दिया है. आम की फसल में जबरदस्त फ्लावरिंग होने के बावजूद बेमौसम बारिश की वजह से फ्रूट सेटिंग नहीं हो पाई है. जिसकी वजह से इस बार उद्यान विभाग ने हमीरपुर जिले में 350 मीट्रिक टन आम की फसल तबाह होने की आशंका जताई है.

Unseasonal rain damages mango crop in Hamirpur
हमीरपुर में बेमौसम बारिश से आम की फसल तबाह.

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Published : May 18, 2023, 9:54 PM IST

Updated : May 18, 2023, 10:50 PM IST

हमीरपुर में बेमौसम बारिश से आम की फसल तबाह.

हमीरपुर:बेमौसम बारिश ने हमीरपुर जिले के किसानों के साथ बागवानों को भी तगड़ा झटका दिया है. बेमौसम बारिश की वजह से आम की 350 मीट्रिक टन पैदावार तबाह हो गई है. फ्रूट सेटिंग के लिए अनुकूल मौसम न होने की वजह से आम की पैदावार बर्बाद हुई है. हमीरपुर जिला में आम की फसल को कुल 30 फीसदी नुकसान हुआ है. उद्यान विभाग हमीरपुर की मानें तो अब तक बागवानों को हमीरपुर जिला में 80 लाख का नुकसान हो चुका है.

फ्रूट सेटिंग नहीं होने से नुकसान: विभाग की ओर से जारी आंकड़ों के मुताबिक मई महीने के पहले हफ्ते में यह नुकसान रिकॉर्ड किया गया है. विशेषज्ञों के मुताबिक आम की फसल में फ्लावरिंग के वक्त यदि बारिश होती है तो फ्रूट सेटिंग सही ढंग से नहीं हो पाती है. ऐसे में इस बार यही वजह बनी है कि बंपर फ्लावरिंग के बावजूद फ्रूट सेटिंग नहीं हो पाई और फसल 30 फीसदी के लगभग कम आंकी जा रही है. विशेषज्ञों के मुताबिक ब्लौजम बाइट नाम की यह बीमारी आम की फसल को लगी है. इस बीमारी में फ्लावरिंग पूरी तरह से काली पड़ जाती है और झड़कर गिर जाती है.

आंधी और ओलावृष्टि से पैदावार नष्ट:आंधी और ओलावृष्टि से हमीरपुर जिला में आम की फसल को नुकसान होने की आशंका है. विभागों को प्राप्त आंकड़ों के मुताबिक अभी तक 30% नुकसान फसल को पहुंचा है, लेकिन जमीनी स्तर पर यह आंकड़ा 50% के लगभग होने की आशंका जताई जा रही है.

आम की फसल हुई बर्बाद.

350 मीट्रिक टन आम बर्बाद: फिलहाल विभागीय आंकड़ों के मुताबिक 350 मीट्रिक टन फसल की चपत बागवानों को लग चुकी है. सीजन की शुरुआत में ही यह भारी नुकसान बागवानों को उठाना पड़ा है. जबकि अभी फसल पकने में लंबा समय है. आशंका जताई जा रही है कि तेज आंधी और ओलावृष्टि की वजह से आम की फसल को और भी नुकसान हो सकता है. पिछली बार इसी वजह से बागवानों को खासा नुकसान हुआ था.

बागवानों की उम्मीदों पर फिरा पानी:हमीरपुर जिले की 2500 हेक्टेयर भूमि पर जिला के बागवान आम की फसल तैयार करते हैं. उम्मीद जताई जा रही थी कि आम की 1200 मीट्रिक टन फसल प्राप्त होती है. अभी तक बीमारी की वजह से 250 हेक्टेयर एरिया में फसल प्रभावित हुई है. पिछले साल फ्लावरिंग के समय मौसम बेहतर रहा था जिस वजह से फ्रूट काफी मात्रा में पेड़ों पर लगा था लेकिन अंत में आंधी और तूफान की वजह से तथा ओलावृष्टि के कारण फसल को काफी नुकसान देखने को मिला था लेकिन इस सीजन में शुरुआती दिनों में ही बेमौसम बारिश से बागवानों की उम्मीदों पर पानी फिर गया है.

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उद्यान निदेशालय को भेजी नुकसान की रिपोर्ट:उद्यान विभाग हमीरपुर के उपनिदेशक राजेश्वर परमार ने कहा 350 मीट्रिक टन फसल प्रभावित हुई है. 250 हेक्टेयर एरिया में यह नुकसान हुआ है. 80 लाख रुपये का नुकसान अभी तक जिला में हुआ है. बेमौसम बारिश से बंपर फ्लावरिंग के बावजूद फ्रूट सेटिंग नहीं हो पाई है, जिस कारण यह नुकसान हुआ है. आम की फसल को ब्लौजम बाइट नाम की बीमारी लगी है. नुकसान की रिपोर्ट उद्यान विभाग के निदेशालय को भेजी गई है. जिन किसानों ने फसल बीमा योजना के तहत बीमा कराया था, उन्हें मुआवजा दिया जाएगा.

किसानों और बागवानों की उम्मीदें टूटी: हमीरपुर के बागबान राजू ने कहा आम की फसल पूरी तरह से तबाह हो गई हैं. इस बार बंपर फ्लावरिंग आम के पेड़ों पर हुई थी, लेकिन बेमौसम बारिश के कारण यह काली पड़ गई. किसान और बागवान बंपर फसल की उम्मीद लगा रहे थे, लेकिन काफी नुकसान हो गया है. उपभोक्ता संरक्षण संगठन हमीरपुर के महासचिव विशाल राणा ने बताया निचले हिमाचल में आम की फसल अधिक मात्रा में होती है. अब कमर्शियल लेवल पर हमीरपुर जिला में भी किसान इसकी खेती कर रहे हैं, लेकिन इस बार बंपर फ्लावरिंग के बावजूद फसल बेमौसम बारिश के कारण बर्बाद हो गई है. उन्होंने कहा सरकार इस समस्या से निपटने के लिए जमीनी स्तर पर सर्वे करे और बागवानों को मुआवजा दें.

Last Updated : May 18, 2023, 10:50 PM IST

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