भोरंज/हमीरपुरःहिमाचल प्रदेश राजकीय कला स्नातक संघ के राज्य अध्यक्ष सुरेश कौशल ने शिक्षा विभाग द्वारा पांचवीं व आठवीं कक्षा की परीक्षा के उपरांत उत्तर पुस्तिकाओं का मूल्यांकन क्लस्टर लेवल पर करने का कड़ा विरोध जताया है. उन्होंने कहा कि एक ओर शिक्षा विभाग ने कहा है कि पांचवी व आठवीं कक्षा में कोई भी बच्चा फेल नहीं होगा. ऐसे में बच्चों की उत्तर पुस्तिकाएं क्लस्टर स्तर पर मूल्यांकन का कोई औचित्य नहीं है.
शिक्षा विभाग के आदेशों का विरोध
सुरेश कौशल ने कहा कि आठवीं कक्षा की वार्षिक परीक्षा पांच मार्च से शुरू हुई है और उत्तर पुस्तिकाओं के मूल्यांकन के आदेश 15 मार्च के आ रहे हैं, जबकि कुछ अध्यापकों ने अपने स्तर पर उत्तर पुस्तिकाओं का मूल्यांकन कर लिया है. उन्होंने कहा कि शिक्षण संस्थान व अध्यापक शिक्षा विभाग के सभी आदेशों को पालन करते हैं, लेकिन ऐसे आदेश परीक्षा शुरू करने से पहले आने चाहिए.
शिक्षा मंत्री गोविंद ठाकुर से की मांग
कौशल ने कहा कि प्रदेश में कोरोना के मामले बढ़ रहे हैं. उन्होंने शिक्षा मंत्री गोविंद ठाकुर से मांग करते हुए कहा कि शिक्षा विभाग को पांचवी व आठवीं कक्षा की उत्तर पुस्किओं के मूल्यांकन का कार्य स्कूल स्तर पर करने के आदेश दें तथा पुराने आदेश को निरस्त करें, ताकि 31 मार्च तक शिक्षक पांचवी व आठवीं कक्षा की परीक्षा का रिजल्ट तैयार कर सकें. इस दौरान संघ के वरिष्ठ उपाध्यक्ष मदन ठाकुर, कोशाध्यक्ष संजय ठाकुर, हमीरपुर जिला महासचिव देशराज चौधरी, मंडी जिला अध्यक्ष विजय भरवाल, भोरंज ब्लॉक के अध्यक्ष मेहर सिंह, महाससचिव संजय कुमार, प्रेस सचिव पवन रांगड़ा भी मौजूद रहे.
क्लस्टर स्तर पर मूल्यांकन के लिए टीएडीए की मांग
सुरेश कौशल ने कहा कि अगर पांचवीं व आठवीं कक्षा की उत्तर पुस्तिकाओं का मूल्यांकन कार्य कलस्टर स्तर पर करना है तो शिक्षा विभाग शिक्षकों को टीए व डीए देने की व्यवस्था करे, क्योंकि अधिकांश स्कूलों के क्लस्टर आठ से दस किलोमीटर की दूरी पर हैं.
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