हमीरपुर: लोक निर्माण विभाग अब हमीरपुर जिले में सड़कों की टारिंग नए तरीके और किफायती तकनीक से करेगा. विभाग सड़कों पर टारिंग के लिए माइक्रो सरफेसिंग तकनीक का प्रयोग करेगा. जिन सड़कों पर टारिंग करीब दो या तीन साल पहले हुई हो और सड़क पर दरारें पड़ी हों, यह तकनीकी वहां प्रयोग में लाई जाती है. दोबारा टारिंग करने में लागत अधिक आती है. इसलिए इस बार लोक निर्माण विभाग माइक्रो सरफेसिंग तकनीक का इस्तेमाल करने जा रहा है.
40 फीसदी कम हो जाती है लागत
माइक्रो सरफेसिंग के लिए रेत, ठंडी तारकोल और सीमेंट का प्रयोग किया जाता है. इससे सड़क पर पड़ी दरारों में यह मिश्रण मिल जाता है और सड़क पर एक पतली परत जम जाती है. टारिंग की यह परत चार से आठ मिलीमीटर की होती है. जबकि सामान्य तौर पर टारिंग के दौरान 25 से 30 मिलीमीटर की परत जरूरी रहती है. नई तकनीक से परत की मोटाई कम होने के चलते मटेरियल भी कम प्रयोग होता है. साथ में टारिंग की लागत भी 40 फीसदी कम रहती है. साथ ही सड़क पर टारिंग का टिकाऊपन कई गुणा बढ़ जाता है.