हमीरपुर:हिमाचल की वर्तमान कांग्रेस सरकार में डी-नोटिफिकेशन के मुद्दे पर खूब हो हल्ला हुआ है. पूर्व भाजपा सरकार के कई फैसलों को कांग्रेस सरकार ने बदला है. जिसे लेकर सियासी पारा अभी भी चढ़ा हुआ है. विधानसभा सत्र के दौरान भी इस मुद्दे को लेकर काफी गहमागहमी देखने को मिली. इन तमाम सियासी मुद्दों के विपरीत मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू के पैतृक गांव में पूर्व भाजपा सरकार की एक योजना को आगे बढ़ाया जा रहा है. यहां पर ग्रामीण शिवा प्रोजेक्ट के तहत अपनी आर्थिकी को मजबूत कर रहे हैं.
यह योजना पूर्व के भाजपा सरकार में निचले हिमाचल को बागवानी से जोड़ने के लिए चलाई गई थी. इस प्रोजेक्ट के तहत मुख्यमंत्री को गांव में एक दो नहीं, बल्कि एक दर्जन के लगभग परिवार लाभान्वित हो रहे हैं. बंजर पड़ी भूमि के लिए एचपी शिवा प्रोजेक्ट वरदान साबित हो रही है और किसान बागबान अपनी आर्थिकी सृदृढ कर रहे है.
वर्ष 2018 से प्रदेश में एचपी शिवा प्रोजेक्ट के माध्यम से बंजर हो रही भूमि पर फलदार पौधे लगाकर किसान-बागबानों को रोजगार सृजित करने के लिए काम किया जा रहा है. हमीरपुर जिले के नादौन उपमंडल के भबडा गांव में भी बागबानी विभाग के सहयोग से शिवा प्रोजेक्ट के माध्यम से पांच हेक्टेयर भूमि पर हजारों फलदार पौधे लगाकर बागबानी की जा रही है. प्रोजेक्ट के तहत प्रदेश के सात जिलों में बढ़िया काम किया जा रहा है, जिसमें एशियन डेवलपमेंट बैंक भी अपना सहयोग दे रहा है.
बंजर भूमि पर लगाए जा रहे कई किस्मों के फल:बागबानी उपनिदेशक राजेश्वर परमार ने बताया कि एचपी शिवा प्रोजेक्ट के तहत 20 प्रतिशत किसान की भागेदारी के साथ 80 प्रतिशत अनुदान सरकार दे रही है. भबडा गांव में आठ सौ से ज्यादा तीन किस्म के संतरे के पौधे लगाए गए हैं. उन्होंने बताया कि लगाए गए इन पौधों से दो साल में फल मिलना शुरू हो जाएगा. इस दौरान बीच में पपीते की खेती भी की जाएगी ताकि दो किसान को अगल-अलग फलों से आय प्राप्त हो सके.