हमीरपुर:हिमाचल के सोलन जिले के बद्दी के एक निजी स्कूल के छात्र वंश राणा ने लकड़ी से जलने वाला अनूठा चूल्हा तैयार किया है. महज 8 से 10 किलो के इस लकड़ी से जलने वाले चूल्हे को कहीं भी ले जाया जा सकता है. यह चूल्हा पर्यावरण संरक्षण के साथ ही बीमारियों से भी निजात दिलाएगा. वंश राणा ने लकड़ी के इस अनूठे चूल्हे को मल्टीपरपज चूल्हे का नाम दिया (Student Vansh Rana made a multipurpose stove) है.
सातवीं कक्षा में पढ़ने वाले वंश ने हमीरपुर जिले में चल रही इंस्पायर अवॉर्ड राज्यस्तरीय प्रतियोगिता (State level Inspire Standard Award competition) में इस चुल्हे को प्रस्तुत किया है. इस चूल्हे में एग्जॉस्ट फैन भी लगाया गया है. जिसके जरिये आग का धुएं शत प्रतिशत चिमनी के जरिए बाहर निकलेगा. इस चिमनी में स्टील की दो जालीनुमा छननी भी लगाई गई है. (Invention of multipurpose stove by student).
इन दोनों के बीच एक स्प्रिंकलर सिस्टम लगाया गया है, जो पाइप के जरिए धुएं के कार्बन यानि आग जलने के बाद उड़ने वाले बारीक कणों को चिमनी से बाहर नहीं निकलने देगा. यह बारीक कण जालीनुमा टीन की छलनी में फस जाएंगे. ऐसे में वायु प्रदूषण की बड़ी वजह बनने वाले यह बारीक कण वायु में नहीं मिलेंगे और पर्यावरण संरक्षण को भी बढ़ावा मिलेगा. दूसरी ओर इस मल्टीपरपज चूल्हे में एग्जॉस्ट फैन लगाया गया है. जिससे रसोई घर में फैलने वाला धुंआ जो बीमारियों का कारण होता है, उससे भी निजात मिलेगी.
चूल्हा एक फायदे अनेक:सातवीं कक्षा के छात्र वंश द्वारा तैयार किए गए इस मल्टीपरपज चूल्हे के कई फायदे हैं. खाना बनाते वक्त कम लकड़ी का इस्तेमाल होगा और लकड़ी जलने के लिए हवा पर्याप्त ढंग से मिले, इसके लिए भी दोनों तरफ हवा गुजरने के लिए छेद किए गए हैं. चूल्हे के अंदर ही 5 लीटर के लगभग पानी एक समय में गर्म करने के लिए एक स्टोरेज टंकी लगाई गई है. जिसमें ठंडा पानी डालते ही दूसरी तरफ से गर्म पानी निकलना शुरू हो जाएगा.