भोरंज: हमीरपुर जिला के उपमंडल भोरंज के ग्रामीण क्षेत्रों में बेसहारा पशुओं की समस्या से लोग परेशान हैं. इन ग्रामीण क्षेत्रों में गाय, बैल, कुत्ते, बंदर आदि बेसहारा पशु रिहायशी इलाकों में घूमते नजर आते हैं. लोगों का कहना है कि अगर जल्द इस समस्या का निदान नहीं किया गया तो इसके कई दुष्प्रभाव हो सकते हैं.
बेसहारा पशु यातायात को भी प्रभावित करते हैं जिससे सड़क घटनाएं होती हैं और ट्रैफिक की भी समस्या हो जाती है. इसके साथ ही यहां कई लोगों द्वारा रात के अंधेरे में गाड़ियों में भर कर बेसहारा पशुओं को सुनसान जगह और जंगलों में छोड़ा जाता है. वहीं, लोगों का कहना है कि बेसहारा पशुओं की समस्या से निदान के लिए शासन को सख्ती के साथ इन पशुओं को गौशाला में डालना चाहिए.
ग्रामीणों का कहना है कि बेसहारा आवारा पशुओं को छोड़ने वालों पर सख्त कार्रवाई करनी चाहिये ताकि वे अपने पालतू पशुओं को आवारा न छोड़े. साथ-साथ घनी आबादी वाले क्षेत्रों में पालतू पशुओं की संख्या पर भी सीमा होनी चाहिए. रेडियो, टेलिविजन, समाचार पत्र आदि संचार के साधनों के माध्यम से लोगों में इस समस्या के प्रति जागरूकता फैलाना चाहिए.
क्षेत्र के कई गांवों में इन दिनों किसान वर्ग आवारा पशुओं से परेशान हैं. एक तो मौसम की मार ऊपर से बेसहारा पशुओं के कारण फसलों को नुकसान हो रहा है. इन दिनों पशुओं की संख्या का आकड़ा दिनों दिन बढ़ता जा रहा है. क्षेत्र भर से गुजरने वाली सड़कों पर जहां ये पशु दुर्घटनाओं का कारण बनते हैं. वहीं, खेतों में खड़ी फसलों को भी नुकसान पहुंचाने से भी बाज नहीं आते. अवसर मिलते ही ये बेसहारा पशु खेतों में खड़ी फसलों में घुस जाते हैं और फसलों को खराब कर देते हैं.