भोरंज/हमीरपुर:भोरंज के हनोह गांव के हीरा सिंह पाकिस्तान के साथ लड़ते हुए जख्मी हुए थे और 4 साल बाद अस्पताल से ठीक होकर घर लौटने पर उन्हें भारत सरकार की ओर से वीर चक्र सम्मान के लिए चुना गया.
भोरंज के हनोह गांव जिला हमीरपुर के किसान गोड़ा राम के घर 14 जून 1912 को जन्मे हीरा सिंह ने सेना में वीर चक्र प्राप्त कर प्रदेश में अपनी अलग पहचान बनाई थी. हीरा सिंह अपने चाचा हजारा राम, जो सेना में सेवारत थे उनसे प्रभावित हुए और केवल 16 साल की उम्र में 16 नवंबर 1928 को सेना की डोगरा रेजिमेंट में भर्ती हुए.
हीरा सिंह ने अंग्रेजों की तरफ से लड़ते हुए द्वितीय विश्व युद्ध में अपनी वीरता का प्रदर्शन किया. इसके बाद स्वतंत्र भारत में पाकिस्तान के साथ बहादुरी से लड़ते हुए 8 अप्रैल 1948 को जम्मू कश्मीर के नवांशहर झंगड़ नामक स्थान पर बुरी तरह से जख्मी हो गए और 10 अगस्त 1949 को डिस्चार्ज हुए थे.