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हमीरपुर प्रशासन की कोरोना से जंग, 120 हुए कोरोना के कुल मामले

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Published : Jun 5, 2020, 11:15 PM IST

हिमाचल के जिला हमीरपुर में लगातार बढ़ते कोरोना वायरस के मामले प्रशासन और सरकार के लिए चिंता का विषय बनते जा रहे हैं. हमीरपुर जिला में कोरोना वायरस के कुल मामलों की संख्या 120 पहुंच गई है. जिनमें से अभी तक कुल 70 एक्टिव केस हैं. जिला प्रशासन कोरोना के मामलों से निपटने के लिए पूरी एहतियात बरत रहा है, लेकिन एक ही जिला के भीतर एक के बाद एक पॉजिटिव मामलों से हिमाचल में कोरोना वायरस संक्रमितों के ग्राफ में तेजी से उछाल देखने को मिल रहा है. जो आने वाले दिनों में प्रदेश के लिए मुसीबत खड़ी कर सकता है.

covid-19 cases in hamirpur
हमीरपुर प्रशासन की कोरोना से जंग

हमीरपुर: क्षेत्रफल की दृष्टि से हमीरपुर हिमाचल का बेशक छोटा जिला है, लेकिन यहां कोरोना के मामले सबसे अधिक सामने आए हैं. जिला में कोविड-19 का आंकड़ा 120 पहुंच गया है. अब तक जिला में 49 लोगों ने कोरोना को मात दे दी है. वहीं अभी 70 एक्टिव केस चल रहे हैं. जबकि इस महामारी के चलते एक व्यक्ति की मौत हो चुकी है.

  • जिला में बनाये गए थे 274 क्वॉरेंटाइन सेंटर

जिला हमीरपुर में 274 क्वॉरेंटाइन सेंटर बनाए गए हैं. आपको यह जानकर भी हैरानी होगी कि इस छोटे से जिला में बाहरी राज्यों से बाकी जिलों के मुकाबले अधिक लोग वापस लौटे हैं. मुंबई से हिमाचल पहुंची ट्रेन में हमीरपुर जिला के सैकड़ों लोग थे, जिनमें से 60 से अधिक लोग कोरोना पॉजिटिव पाए गए हैं.

वीडियो रिपोर्ट

अधिकतर लोग भोरंज विधानसभा क्षेत्र के डूंगरी नवोदय स्कूल में क्वॉरेंटाइन किए गए थे. इसके अलावा बाबा बालक नाथ मंदिर दियोटसिद्ध की सरायं और एनआईटी हमीरपुर में बड़े स्तर पर क्वॉरेंटाइन सेंटर बनाए गए थे, लेकिन 274 में से 267 क्वॉरेंटाइन सेंटर सिर्फ शैक्षणिक संस्थान थे. जिन्हें अब धीरे-धीरे जिला प्रशासन ने खाली करना शुरू कर दिया है. सरकार के निर्देश हैं कि शैक्षणिक संस्थानों को अब क्वॉरेंटाइन सेंटर नहीं बनाया जाएगा. ऐसे में अब इनके विकल्प तलाशे जा रहे हैं.

वहीं अगर विकल्पों की बात की जाए तो इसमें सरकारी विश्रामगृह पंचायत भवन सामुदायिक भवन और सामाजिक संस्थाएं शामिल हैं. वहीं, बड़े स्तर पर मंदिर न्यास एनआईटी हमीरपुर के हॉस्टल शामिल किए गए हैं.

  • क्वॉरेंटाइन सेंटर में किस तरह से देखी जा रही व्यवस्था

वैश्विक महामारी के दौर में जहां एक तरफ नियमों को दरकिनार करना खतरे से खाली नहीं है. वही निरंतर सेवाएं देना भी किसी चुनौती से कम नहीं है. हेल्थ वर्कर लगातार इस काम में लगे हैं, लेकिन कोविड केयर सेंटर में सेवाएं देने वाले वर्कर को भी बाद में क्वॉरेंटाइन होना पड़ता है. ऐसे में मैन पावर की कमी पेश आती है. क्वॉरेंटाइन सेंटरों में सेवाएं देने के लिए पंचायत प्रतिनिधियों सामाजिक संस्थाओं का सहारा लिया जा रहा है.

मेडिकल कॉलेज हमीरपुर की नर्सिंग अधीक्षक वीना बनयाल का कहना है कि रोटेशन में ड्यूटी लगाई जा रही है. वहीं, भोटा चैरिटेबल अस्पताल में भी टीम भेजी जा रही हैं. वहां पर सेवाएं देने के बाद टीम के सदस्यों को क्वॉरेंटाइन होना पड़ता है और उसके बाद वह फिर से अपनी सेवाएं मेडिकल कॉलेज में देना शुरू करते हैं.

डीसी हमीरपुर हरिकेश मीणा ने कहा कि जिला में 274 क्वॉरेंटाइन सेंटर बनाए गए थे. इनमें 267 क्वॉरेंटाइन सेंटर शैक्षणिक संस्थान थे. जिन्हें अब धीरे-धीरे खाली किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि 25 अप्रैल के बाद 19 हजार के करीब लोग जिला में पहुंचे हैं. जिनमें से 450 लोग वर्तमान समय में संस्थागत क्वॉरेंटाइन में हैं. वही 2750 के करीब लोग क्वॉरेंटाइन सेंटर में हैं. अधिकतर लोगों ने होम क्वॉरेंटाइन का समय पूरा कर लिया है.

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