हमीरपुर: लंबे समय से मंडी और कांगड़ा के तीन विधानसभा क्षेत्र हमीरपुर लोकसभा सीट के उम्मीदवार का भाग्य तय करते आ रहे हैं. इस बार भी ये तीनों विधानसभा क्षेत्र हमीरपुर की सत्ता में निर्णायक भूमिका निभाएंगे.करीब तीन दशकों से भाजपा के मजबूत किले हमीरपुर संसदीय क्षेत्र में हिमाचल के पांच जिलों के 17 विधानसभा क्षेत्र शामिल हैं. पिछले तीन लोकसभा चुनावों की बात करें तो भाजपा को हमीरपुर संसदीय क्षेत्र से कांगड़ा और मंडी के तीन विधानसभा क्षेत्रों से लीड के रूप में संजीवनी मिल रही है, जिस वजह से कांग्रेस हर बार इस सीट पर पिछड़ रही है.
साल 2014 में मोदी लहर में भी कांगड़ा जिला के देहरा, जसवां प्रागपुर, मंडी जिला के धर्मपुर विधानसभा क्षेत्र से 20,000 से अधिक मतों की लीड भाजपा को मिली थी. ये लीड जीत के मतों के अंतर का करीब एक चौथाई हिस्सा थी. वहीं वर्ष 2014 में जबरदस्त मोदी लहर ने तो लीड का यह आंकड़ा पुराने रिकॉर्ड को तोड़ते हुए 31000 के पार हो गया. वहीं, साल 2004 में बीजेपी ने (प्रत्याशी व पूर्व सांसद सुरेश चंदेल जो अब कांग्रेस में शामिल हो गए हैं) ने 24000 की लीड हासिल थी.