भोरंज/हमीरपुर:कहते हैं कि अगर हौंसलों में उड़ान है तो बढ़ती उम्र मंजिल के रास्ते में रूकावट नहीं बन सकती. ऐसा ही कुछ कारनामा कर दिखाया है आईपीएच विभाग से रिटायर एसडीओ रमेश चंद वर्मा ने. ग्राम पंचायत नंधन के तहत पड़े सेऊ गांव के रमेश चंद वर्मा ने साबित कर दिया कि यह नौकरी से जरूर रिटायर हो गए लेकिन टायर्ड नहीं हुए.
सेवानिवृत्ति के बाद बागवानी को अपना चुके रमेश चंद वर्मा का बगीचा आज सेब की फसल से लदा हुआ है. बागवानी के इस कार्य में उनकी धर्मपत्नी संतोष वर्मा भी उनका पूरा सहयोग कर रही हैं. बगीचे में सिर्फ सेब ही नहीं बल्कि ब्रेसलेस आडू व शक्करपारा के पौधे भी लगाये गये हैं. इन्होंने तीन बगीचों में चार क्विंटल से अधिक सेब की फसल तैयार हो रही है. कई फलों की ऐसी प्रजातियां यहां उगा दी हैं, जिनकी अब तक कल्पना नहीं की जाती थी.
वर्तमान में तीन बड़े बगीचों में कई क्विंटल सेब की फसल लहलहा रही है. वहीं, ब्रेसलेस आडू व शक्करपारा नाम के अनोखे पौधे भी बगीचे में लगाए गए हैं. शिमला व रामपुर में पैदा होने वाली यह किस्म अब हमीरपुर में भी देखने को मिलेगी. वहीं, सेब की भी कई किस्में बगीचे में हैं. इनमें अन्ना, एचआर व डोजेट गोल्डन शामिल है. इसके साथ ही कई अन्य प्रजातियों की पौध भी तैयार की जा रही है.