हमीरपुर:एनआईटी हमीरपुर में लंबे समय से मिल रही शिकायतों के चलते डायरेक्टर पर गिरी गाज के बाद बीजेपी और कांग्रेस में इसका श्रेय लेने की होड़ लगी है. हमीरपुर में एनआईटी के भर्ती मुद्दे को उछालने के लिए जहां सुजानपुर के विधायक राजेंद्र राणा श्रेय ले रहे हैं.
वहीं, भाजपा जिलाध्यक्ष बलदेव शर्मा का कहना है कि केन्द्रीय वित्त राज्य मंत्री अनुराग ठाकुर ने ही इस मुद्दे को केंद्रीय मानव संसाधन मंत्री के समक्ष उठाया था, जिसके चलते एनआईटी हमीरपुर के निदेशक पर एडमिनिस्ट्रेटिव व फाइनेंशियल पॉवर निरस्त होने की गाज गिरी है. इस कारण इस मुद्दें को लेकर दोनों पार्टियों में घमासान छिड़ गया है.
विधायक राजेंद्र राणा ने जताया केंद्र सरकार का आभार
राज्य कांग्रेस उपाध्यक्ष एवं विधायक राजेंद्र राणा ने एनआईटी हमीरपुर के डायरेक्टर की फाइनेंशियल व एडमिनिस्ट्रेटिव पॉवर निरस्त करने के फैसले का स्वागत किया है. राणा ने कहा कि देर से ही सही, लेकिन एनआईटी हमीरपुर में बिना रोक-टोक चले भ्रष्टाचार का खात्मा करने के लिए सरकार ने सही कदम उठाया है.
वह अक्तूबर 2019 से इस मामले की पैरवी में लगातार करते आ रहे हैं. उन्होंने एनआईटी हमीरपुर की रैंकिंग गिरने के साथ भर्ती भ्रष्टाचार के आरोपों की फेहरिस्त पीएमओ कार्यालय से लेकर मानव संसाधन मंत्रालय को लगातार भेजी है.
राणा ने कहा कि उन्हें संतोष इस बात का है कि आखिर देर से ही सही कथित भ्रष्टाचार के मामले में सरकार की नींद खुली. सरकार एनआईटी हमीरपुर के कथित भ्रष्टाचार को लेकर गंभीर हुई है, तो इस मामले की जांच सीबीआई से होनी जरूरी है और अगर यह जांच सीबीआई से होती है, तो वह निश्चित तौर पर कह सकते हैं कि प्रदेश के इतिहास में यह सबसे बड़ा भ्रष्टाचार का मामला उजागर होगा.