हमीरपुर: महंगाई की मार से कोरोना काल में मध्यमवर्गीय परिवारों का गुजारा मुश्किल हो गया है. अब सरकारी डिपो में मिलने वाली राहत भी महंगी साबित होने लगी है कि यहां पर भी दालों के दाम बढ़ने से अब मध्यमवर्गीय परिवारों का बजट बिगड़ चुका है.
हालात ऐसे हैं कि अब ना तो सब्जियां सस्ती हैं और ना ही दालें. ऐसे में सरकारी डिपो के राशन के महंगे होने से रसोई का बजट बिगड़ चुका है. महंगाई के लिए लोग सरकार को जिम्मेदार ठहरा रहे हैं लोगों का कहना है कि दाल तेल सब कुछ महंगा हो चुका है.
मनीष प्रभाकर का कहना है कि सरकार को मध्यमवर्गीय परिवारों के बारे में सोचना चाहिए सरकार इस पर की तरफ कोई ध्यान नहीं दे रही है महंगाई को लगातार बढ़ाया जा रहा है सरकारी राशन के डिपो में भी महंगाई बढ़ गई है जिस वजह से मध्यमवर्गीय परिवारों के परेशानी दोगुना हो गई है.
हमीरपुर निवासी हरिओम का कहना है कि सरकारी राशन डिपो में जहां तीन-चार सौ में गुजारा हो जाता था वहीं अब 500 से ₹600 लग रहे हैं इसके अलावा बाहर दुकानों में भी महंगाई बढ़ गई है दाल ₹100 से अधिक हो गई है.
स्थानीय निवासी विनोद चौहान का कहना है कि इस सरकार का किसी भी चीज पर कोई नियंत्रण नहीं है ब्यूरोक्रेसी सरकार को चला रही है मुख्यमंत्री तो महज नाम के हैं. पहले गरीब आदमी प्याज के साथ सूखी रोटी खा लेता था लेकिन अब तो वह भी महंगा है दाल रोटी तो दूर की बात है. सरकारी डिपो में एक नमक का दाम कम है उसको भी बढ़ा देना चाहिए.
मलिक भास्कर का कहना है कि दुकानों में जहां अधिक महंगाई है तो डिपो में थोड़ा सस्ता राशन मिल रहा है दुकान में जहां ₹2000 खर्च हो जाते हैं तो यहां पर ₹500 में राशन मिल जाता है, लेकिन सब्सिडी के बारे में उन्हें कोई जानकारी नहीं है अभी तक उन्हें कभी सब्सिडी नहीं मिली है.
दुकानदार अशोक कुमार का कहना है कि दुकानों में मांग भी कम ही हो गई है. दाल तेल इत्यादि के दाम 20 से 25 रुपये पिछले कुछ दिनों में बढ़ गए हैं. इन दिनों तो दुकानों में शादी विवाह इत्यादि के आयोजन के लिए ही राशन की खरीदारी हो रही है.
डिपो संचालक का भारत भूषण का कहना है कि लोगों को ना तो सब्जियों की दुकानों पर सब्जी सस्ती मिल रही है और ना ही करियाने की दुकान पर राशन सस्ता मिल रहा है.
डिपो पर खाद्य वस्तुओं के दाम
तेल ₹97 से 103 रुपये
माह 55 से 60 रुपये