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स्कूल फंक्शन में ना बुलाए जाने पर भड़के जिप अध्यक्ष, शिक्षा विभाग के अधिकारियों को दी ये वॉर्निंग

जिला परिषद हमीरपुर की बैठक में स्कूलों में आयोजित होने वाले समारोह में जिप सदस्य को ना बुलाए जाने पर खूब बवाल मचा. इस दौरान परिषद के सदस्यों ने शिक्षा विभाग की कार्यप्रणाली पर कई सवाल उठाए और विभाग के अधिकारियों पर भी बरसे.

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Published : Feb 28, 2019, 2:57 AM IST

HAMIRPUR MEETING

हमीरपुर: जिला परिषद हमीरपुर की बैठक में स्कूलों में आयोजित होने वाले समारोह में जिप सदस्य को ना बुलाए जाने पर खूब बवाल मचा. इस दौरान परिषद के सदस्यों ने शिक्षा विभाग की कार्यप्रणाली पर कई सवाल उठाए और विभाग के अधिकारियों पर भी बरसे.
जिला परिषद अध्यक्ष राकेश ठाकुर ने भी इस दौरान शिक्षा विभाग के अधिकारियों पर भड़क गए. परिषद अध्यक्ष इतने तक ही नहीं रुके, उन्होंने शिक्षा विभाग के अधिकारियों पर पैसे की बर्बादी का आरोप भी लगाया. अध्यक्ष बोले कि सालाना समारोह में कई स्कूलों में 500-500 निमंत्रण कार्ड छापे जाते हैं, इनमें से महज 100 कार्ड ही वितरित किए जाते हैं और बाकी स्कूल में ही पड़े रहते हैं. इस तरह से जनता और सरकार के पैसे की बर्बादी हो रही है.

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राकेश ठाकुर ने कहा कि स्कूलों के कार्यक्रमों में प्रोटोकॉल का भी कोई ध्यान नहीं रखा जाता और विधायक के खास लोगों को पहले सम्मानित किया जाता है. सरकारी स्कूल के मुखिया विधायक को कार्यक्रम में इसलिए बुला लेते हैं कि कहीं उनके ट्रांसफर ना हो जाएं, लेकिन इस हाउस में भी इतनी ताकत है कि वे किसी भी अधिकारी का घेराव कर सकते हैं.नाराजगी जाहिर करते हुए अध्यक्ष ने कहा कि कई दफा ये देखा गया है कि जिन स्कूलों में पंचायत प्रधानों जिला परिषद सदस्य बीडीसी मेंबर को बुलाया भी जाता है तो उन्हें उचित मान-सम्मान नहीं दिया जाता है. राकेश ठाकुर ने शिक्षा विभाग के अधिकारी को कड़े शब्दों में कहा कि ये सिर्फ परिषद के सदस्यों की ही नहीं, बल्कि उनकी भी शिकायतें हैं. बल्कि मुझे भी मेरे गृह क्षेत्र के मिडिल स्कूल के सालाना समारोह में नहीं बुलाया गया.
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वहीं, इस पर शिक्षा विभाग के अधिकारी ने जवाब दिया कि सभी प्रतिनिधियों को बुलाया जाता है. इस पर जवाब में परिषद अध्यक्ष ने कहा कि जिन कार्यक्रमों में जिला परिषद सदस्यों को बुलाया भी जाता है, उसमें प्रोटोकॉल का ध्यान नहीं रखा जाता है. वहां भी विधायक के खास आदमियों को पहले सम्मानित किया जाता है. परिषद के सदस्य भी 10 से 15 हजार लोगों में से चुन कर आते हैं. कोई पार्टी विशेष नहीं है, कोई व्यक्ति विशेष नहीं है. चुना हुआ व्यक्ति चाहे वह किसी विचारधारा से हो उसको सम्मान मिलना चाहिए.

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