हमीरपुरः सीएम हमीरपुर तो आए, लेकिन सरकाघाट क्रूरता मामले की पीड़िता राजदेई से मिलने के लिए समय नहीं निकाल पाए. शायद अफसरों को भी मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर को बताने की फुर्सत नहीं मिली होगी. जिस वजह से 81 वर्षीय वृद्धा राजदेई हमीरपुर से शनिवार को अपने घर सरकाघाट लौट गई.
बता दें कि मंडी जिला के सरकाघाट उपमंडल की बड़ा समाहल की 81 वर्षीय वृद्धा राजदेई पिछले 17 दिन से हमीरपुर में ही अपनी बेटी के पास पुलिस प्रॉटेक्शन में रह रही थी. हांलाकि मुख्यमंत्री को जरूर याद होगा कि यह वही राजदेई है जिसके मुंह पर ग्रामीणों देवास्था के नाम पर कालिख पोत कर गले में जूतों की माला पहना अमानवीय अत्याचार किया है. 6 नवंबर को हुई इस घटना की निंदा देश विदेश तक में हुई.
मुख्यमंत्री तक जब घटना की जानकारी पहुंची तो सरकार के तमाम अफसर हरकत में आ गए थे. इस मामले में हाईकोर्ट ने भी सख्ती दिखाते हुए सरकार से जवाब मांगा था. बेशक 24 लोग गिरफ्तार हो चुके हैं, लेकिन राजदेई के जख्म अभी तक भरे नहीं हैं.
राजदेई को पता चला की शनिवार को सीएम जयराम ठाकुर हमीरपुर आ रहे हैं, तो उन्हें उम्मीद बंधी कि प्रदेश के मुख्यमंत्री मिलने जरूर आएंगे. यह उम्मीद झूठी भी नहीं थी क्योंकि इससे पहले राजदेई से विधायक कर्नल इंद्रसिंह, महिला आयोग की अध्यक्षा डेजी ठाकुर, नेता विपक्ष मुकेश अग्निहोत्री, विधायक राजेंद्र राणा और तमाम अधिकारी हमीरपुर में राजदेई से आकर मिल चुके थे.
मानवीय संवेदनाओं को हिलाकर रख देने वाली इस घटना ने शायद अफसरशाही का दिल अभी भी नहीं हिलाया होगा. सीएम राजदेई के निवास से करीब 700 मीटर दूरी से गाड़ियों के काफिले में हूटर की आवाज के साथ निकल गए और राजदेई सिर्फ सीएम का इंतजार करती रह गई.