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हमीरपुर के विपिन डोगरा ने प्राइवेट नौकरी छोड़ शुरू किया खरगोश पालन, कमा रहे लाखों - विपिन ने शुरू किया खरगोश पालन

हमीरपुर के रहने वाले विपिन डोगरा प्रदेशभर के बेरोजगार युवाओं के लिए प्रेरणा स्त्रोत बने हैं. विपिन ने प्राइवेट नौकरी छोड़ खरगोश पालन का व्यवसाय शुरू किया जिससे वो अब लाखों कमा रहे हैं. इसके अलावा वो कई लोगों को रोजगार भी प्रदान कर रहे हैं.

rabbit farming by adopting Pradhan Mantri Mudra Yojana
विपिन ने शुरू किया खरगोश पालन

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Published : Dec 28, 2019, 1:47 PM IST

हमीरपुर: जिला हमीरपुर में प्रधानमंत्री मुद्रा योजना को अपनाकर बड़सर विधानसभा क्षेत्र के रहने वाले विपिन डोगरा ने प्रदेश के बेरोजगार युवाओं के लिए मिसाल कायम की है. करेर गांव के रहने वाले विपिन डोगरा ने निजी कंपनी की नौकरी छोड़कर खरगोश पालन व्यवसाय को अपनाया, जिससे अब वो लाखों कमा रहे हैं.

विपिन डोगरा ने शुरुआती समय में 100 खरगोशों के साथ व्यवसाय शुरू किया और आज हिमाचल प्रदेश में वह बड़े स्तर पर खरगोश की सप्लाई कर रहे हैं. विपिन ने बीकॉम की पढ़ाई करने के साथ ही कंप्यूटर डिप्लोमा करने के बाद कई वर्षों तक प्राइवेट नौकरी की.

वर्ष 2017 में उन्होंने नौकरी छोड़कर खरगोश पालन करने का निर्णय लिया और प्रधानमंत्री मुद्रा योजना और किसान क्रेडिट कार्ड योजना का लाभ उठाकर अपना कारोबार शुरू किया.

वीडियो रिपोर्ट

विपिन डोगरा का कहना है कि नौकरी छोड़कर व्यवसाय अपनाना मुश्किल था. शुरुआती दिनों में उन्हें परेशानी का सामना करना पड़ा, लेकिन इसमें परिवार ने भी उनका साथ दिया. विपिन के खरगोश फार्म में बॉयलर खरगोश समेत विभिन्न प्रजातियों के खरगोश हैं. जिसमें कई विदेशी प्रजातियां भी शामिल हैं.

बता दें कि नॉर्थ इंडिया में कहीं भी खरगोश के मांस की बिक्री के लिए कोई मार्केट नहीं है. हालांकि अगर बात क्वालिटी की जाए, तो इसका मास कोलेस्ट्रोल फ्री होता है. जिंदा स्टॉक की कीमत प्रति किलो 200 रुपये है और रिटेल में 500 से 600 रुपये प्रति किलो बिक रहा है.

विपिन डोगरा प्रदेश के बेरोजगार युवाओं को इस व्यवसाय से जोड़ रहे हैं और खरगोश का बीज भी सप्लाई कर रहे हैं. विपिन डोगरा का कहना है कि मुर्गी पालन की तरह खरगोश पालन से जुड़े वर्ग को भी सरकार की तरफ से मेडिकल सुविधा उपलब्ध होनी चाहिए.

विपिन ने बताया कि जब कोई खरगोश बीमार हो जाता है, तो उसे इलाज अथवा पोस्टमार्टम के लिए के लिए पालमपुर स्थित यूनिवर्सिटी में ले जाना पड़ता है. जिसमें उन्हें कभी-कभी परेशानी का सामना करना पड़ता है.

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