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Published : Aug 25, 2020, 9:30 PM IST

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पंचायत विभाजन की मांग पूरी ना होने पर चारियां दी धार के लोग निराश, कहा: फिर हुई नाइंसाफी

हिमाचल प्रदेश में बेशक नई पंचायतों के गठन की शुरुआत हो चुकी है. इस अभियान के तहत हमीरपुर जिला में 9 नई पंचायतों का गठन प्रस्तावित है, लेकिन टौणी देवी विकासखंड के तहत चारियां दी धार पंचायत के लोगों के मुताबिक उनेक साथ फिर से नाइंसाफी हुई है.

चारियां दी धार
चारियां दी धार,टौणी देवी मंदिर

सुजानपुर: हिमाचल प्रदेश में बेशक नई पंचायतों के गठन की शुरुआत हो चुकी है. इस अभियान के तहत हमीरपुर जिला में 9 नई पंचायतों का गठन प्रस्तावित है, लेकिन टौणी देवी विकासखंड के तहत चारियां दी धार पंचायत के लोगों के मुताबिक उनेक साथ फिर से नाइंसाफी हुई है.

यहां के लोगों की कई सालों से चली आ रही पंचायत के विभाजन की मांग को एक बार फिर नजरअंदाज कर दिया गया है. सरकार की इस बेरूखी से पंचायत प्रधान विजयपाल ने बताया कि चारियां दी धार के लोग निराश हैं.

टौणी देवी विकासखंड के तहत पंचायत चारियां दी धार में एक वार्ड से दूसरे वार्ड तक सड़क का सफर 26 किलोमीटर है. लोग खड्डों व नालों के बीच से इसलिए पैदल नहीं चलना चाहते क्योंकि तेंदुए, सांप व अजगर का खतरा बना रहता है. इसलिए पंचायत ने ग्राम सभा में सर्वसम्मति से प्रस्ताव पास कर चारियां दी धार पंचायत को विभाजित कर अलग से पुरली पंचायत बनाने की मांग उठाईं थी, जिसके पूरा न होने पर जनता में आक्रोश है.

चार धारों पर बसी है ये पंचायत

गौर रहे कि भराईयां दी धार, चारियां दी धार, लंबरा दी धार, रांगडेयां दी धार व पुरली वार्डों में बसी यह पंचायत दुर्गम व विकट भौगोलिक स्थिति होने के कारण सड़क व पंचायत घर से वंचित है. पंचायत की आबादी करीब 1900 है, जिनमें से 1384 मतदाता हैं. दुर्गम पंचायत के ग्रामीण आज भी मुख्य सड़क से 10 किलोमीटर से ज्यादा की चढ़ाई और उबड़-खाबड़ रास्ता तय करने के लिए मजबूर हैं. लोग रोजमर्रा की जरूरतों के सामान को घर तक पहुंचाने के लिए कड़ी मेहनत करते हैं.

कठिन भौगोलिक स्थिति का सामना कर रहे लोग

सबसे ज्यादा मुश्किलों का सामना किसी व्यक्ति के बीमार होने पर करना पड़ता है. ऐसी स्थिति में स्थानीय लोग मरीज को पीठ या फिर चारपाई पर उठाकर मुख्य सड़क तक लाते हैं. पंचायत के बीच एक सड़क बनाने का काम लंबरा दी धार से शुरू हुआ, लेकिन अदालती कार्रवाई में उलझकर रह गया.

सड़क सुविधा न होने व दुर्गम रास्ते होने के कारण पंचायत में स्लेटपोश मकान अधिक हैं. शिक्षा के नाम पर पुरली व चारियां दी धार में दो मिडल स्कूल हैं. स्वास्थ्य सुविधा के लिए एक डिस्पेंसरी है, लेकिन एक वार्ड से दूसरे वार्ड तक पहुंचने के लिए लोग खतरनाक रास्ते पार कर डिस्पेंसरी तक पहुंचते हैं. पंचायत के अधिकतर युवा सेना में भर्ती हैं. कुछ युवा निजी क्षेत्र में रोजगार कर रहे हैं. तेंदुए के डर से लोग भेड़-बकरी नहीं पाल सकते हैं.

पुरली को अलग पंचायत बनाया जाए : विजयपाल

इस बारे में पंचायत प्रधान विजय पाल ने बताया कि ग्राम सभा के लिए कोरम पूरा करना मुश्किल हो जाता है क्योंकि दुर्गम पगडंडियों से लोग पंचायतघर तक नहीं पहुंच पाते. चारियां दी धार से पुरली वार्ड तक सड़क का सफर 26 किलोमीटर है. ऐसे में पुरली वार्ड को अलग पंचायत बनाने का प्रस्ताव पास हुआ है. सरकार को दुर्गम पंचायत के लोगों की इस मांग को प्राथमिकता के आधार पर मान लेना चाहिए.

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