हमीरपुर:हिमाचल प्रदेश में बीते कुछ समय से हार्ट अटैक के मामले बढ़ गए हैं. हार्ट अटैक आने के बाद तुरंत उपचार न मिल पाने और समय पर अस्पताल न पहुंच पाने से मरीज की जान चली जाती है. जिसके चलते अब हिमाचल प्रदेश के ग्रामीण इलाकों में हार्ट अटैक आने पर अब पंचायत प्रधान, उपप्रधान, वार्ड पंच, आशा वर्कर और अन्य पंचायत से जुड़े हुए कर्मचारी सीपीआर (Cardiopulmonary resuscitation) देंगे. प्रदेश में बढ़ते हुए हार्ट अटैक के मामलों के चलते स्वास्थ्य विभाग ने यह निर्णय लिया गया है. इन कर्मचारियों और पंचायत प्रतिनिधियों को बाकायदा सरकार की तरफ से प्रशिक्षण दिया जा रहा है. हिमाचल में लगभग सभी जिलों में जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के माध्यम से खंड विकास कार्यालय में यह प्रशिक्षण दिए जा रहे हैं.
हर गांव में होगें फर्स्ट रिस्पांडर:हिमाचल प्रदेश में अब पंचायत प्रतिनिधि और पंचायत स्तर से जुड़े हुए कर्मचारियों को आपात स्थिति में फर्स्ट रिस्पांडर बनाने के लिए प्रशिक्षित किया जा रहा है. ऐसे में आने वाले दिनों में हिमाचल के हर गांव में एक या इससे अधिक फर्स्ट रिस्पांडर प्रशिक्षित होगा. फर्स्ट रिस्पांडर में पंचायत प्रतिनिधियों के साथ ही महिला मंडल और युवक मंडल के प्रतिनिधि भी शामिल होंगे. हमीरपुर जिला में भी इसी कड़ी में ब्लॉक स्तर पर पंचायत प्रतिनिधियों और वालंटियर प्रशिक्षित किया जा रहा है. किसी भी तरह की आपदा की स्थिति में बचाव एवं राहत कार्यों में तत्परता लाने, स्थानीय लोगों की अधिक से अधिक भागीदारी सुनिश्चित करने तथा आपदा प्रबंधन कार्यों के लिए लोगों को प्रशिक्षित करने के लिए जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण पंचायत स्तर पर वालंटियर्स की टास्क फोर्स तैयार कर रहा है.
हमीरपुर ब्लॉक में 3 दिवसीय कार्यशाला आयोजित: हिमाचल के हर जिला में प्रत्येक खंड स्तर पर कार्यशाला आयोजित की जा रही हैं. इसी कड़ी में गुरुवार को विकास खंड अधिकारी कार्यालय हमीरपुर में तीन दिवसीय कार्यशाला का समापन हुआ इस कार्यशाला में विभिन्न ग्राम पंचायतों के जनप्रतिनिधि, सचिव, आशा वर्कर्स और अन्य वालंटियर्स भाग लिया. कार्यशाला में स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने प्रतिभागियों को प्राथमिक उपचार और अन्य बचाव कार्यों के संबंध में विस्तृत जानकारी प्रदान की.
1288 लोगों को किया जाएगा प्रशिक्षित: उपायुक्त एवं जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के अध्यक्ष हेमराज बैरवा ने कहा कि किसी भी तरह की आपदा के समय फर्स्ट रिस्पांडर हमेशा स्थानीय लोग ही होते हैं. किसी भी आपदा के समय सबसे पहले स्थानीय लोग ही घटनास्थल पर मौजूद होते हैं. इसलिए आपदा प्रबंधन की तैयारियों में जन साधारण की भागीदारी बहुत ज्यादा महत्व रखता है. इसी को ध्यान में रखते हुए हमीरपुर जिले में आपदा प्रबंधन प्राधिकरण द्वारा पंचायत एवं ग्रामीण स्तर पर युवा वालंटियर्स की टास्क फोर्स तैयार की जा रही है. उन्होंने बताया कि हमीरपुर जिले में पहले चरण में 859 वालंटियर्स को प्रशिक्षण प्राप्त हो चुका है. वहीं, दूसरे चरण में 1288 युवाओं को ट्रेनिंग देने का टारगेट रखा गया है. इसी कड़ी में हमीरपुर जिले में 23 मई से खंड स्तर पर ट्रेनिंग वर्कशॉप आयोजित की जा रही हैं.