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कांग्रेस विधायक सुक्खू पर झूठा चुनाव शपथपत्र देने का आरोप, जांच के आदेश जारी - himachal pradesh news

कांग्रेस विधायक एवं प्रदेश कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष सुखविंद्र सिंह सुक्खू के खिलाफ जांच के आदेश जारी किए गए हैं. जानकारी के मुताबिक अतिरिक्त मुख्य दंडाधिकारी नादौन कनिका चावला ने सीआरपीसी 156 (3) के तहत पुलिस थाना के एसएचओ को छानबीन करने के आदेश जारी किए हैं. कोर्ट ने इस मामले में जांच रिपोर्ट रिकॉर्ड समेत न्यायालय में पेश करने की भी बात की हैं.

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कांग्रेस विधायक एवं प्रदेश कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष सुखविंद्र सिंह सुक्खू.

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Published : Mar 25, 2021, 10:41 PM IST

हमीरपुर: झूठे चुनाव शपथ पत्र मामले में हमीरपुर जिला के नादौन से कांग्रेस विधायक एवं प्रदेश कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष सुखविंद्र सिंह सुक्खू के खिलाफ जांच के आदेश जारी किए गए हैं. जानकारी के मुताबिक अतिरिक्त मुख्य दंडाधिकारी नादौन कनिका चावला ने सीआरपीसी 156 (3) के तहत पुलिस थाना के एसएचओ को छानबीन करने के आदेश जारी किए हैं. कोर्ट ने इस मामले में जांच रिपोर्ट रिकॉर्ड समेत न्यायालय में पेश करने की भी बात की हैं.

जिला के नादौन के गांव जड़ौत डाकघर सेरा निवासी बसंत सिंह पुत्र गंगा राम ने विधायक के खिलाफ अपने वरिष्ठ अधिवक्ता विरेंद्र शर्मा के माध्यम से झूठा चुनाव शपथपत्र पेश करने के मामले में भारतीय दंड संहिता की धारा 177, 181, 182 एवं रिप्रजेंटेशन ऑफ पब्लिक एक्ट के अंतर्गत न्यायालय में याचिका दायर की थी.

एसएचओ को छानबीन कर आगामी कार्रवाई के आदेश जारी

मामले में बीते वर्ष हाईकोर्ट में भी याचिका दायर की थी. हाईकोर्ट के आदेश पर अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक हमीरपुर ने इस मामले की छानबीन की और रिपोर्ट जिला निर्वाचन अधिकारी हमीरपुर को सौंपी थी. अब नादौन कोर्ट ने एसएचओ को इस मामले की छानबीन कर आगामी कार्रवाई के आदेश जारी किए हैं.

'जांच कर रिकॉर्ड न्यायालय में पेश किया जाए'

वरिष्ठ अधिवक्ता विरेंद्र शर्मा के मुताबिक न्यायालय ने अपने आदेश में कहा है कि प्रथम दृष्टया में यह संज्ञेय अपराध का मामला बनता है, इसलिए मामले की कानून के मुताबिक जांच कर रिकॉर्ड न्यायालय में पेश किया जाए.

इस बारे में विधायक सुखविंद्र सिंह सुक्खू से बात की गई तो उन्होंने ने कहा कि पूर्व में भी कई बार उनके खिलाफ जांच हो चुकी है लेकिन आरोप साबित नहीं हो पाए थे. जांच में आरोप साबित न होने पर हाईकोर्ट ने भी मामले को खारिज कर दिया था. उनका कहना है कि उन्हें बदनाम करने पर कुछ लोगों के खिलाफ न्यायालय में मानहानि का केस कर रखा है, जिससे हताश होकर वे लोग ऐसी हरकतें कर रहे हैं.

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