हमीरपुर:बजट 2023 में एक बार फिर ऊना-हमीरपुर रेलवे लाइन को 1 हजार की शगुन राशि दी गई है. केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर का यह ड्रीम प्रोजेक्ट है, लेकिन इस बार फिर ऊना-हमीरपुर रेलवे लाइन को केंद्रीय बजट में ₹1000 का बजटीय प्रावधान किया गया, ऐसे में यह प्रोजेक्ट कब परवान चढ़ेगा कह पाना मुश्किल है.
तीसरी बार शगुन के तौर पर मिला एक हजार:पिछले साल यानी 2022 में ऊना में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी रेलवे लाइन का शिलान्यास करथा था, लेकिन अंतिम समय पर शिलान्यास कार्यक्रम टल गया. उस समय कारण यह बताया गया कि बजटीय प्रावधान न होने की कारण पीएमओ कार्यालय से इस शिलान्यास को हरी झंडी नहीं पाई. अब लगातार तीसरे बजट में ₹1000 का बजटीय प्रावधान इसके लिए किया गया है.
5 हजार करोड़ का प्रोजेक्ट:3 बजट में इस रेलवे लाइन को 3 हजार का बजट मिला है. सियासी दावों के विपरीत इस रेलवे लाइन को पिछले 3 साल से बजट नहीं, बल्कि ₹1000 का शगुन मिल रहा है. प्रोजेक्ट की अनुमानित लागत साल 2019 में 5000 करोड़ रुपये से अधिक बताई गई थी.
हिमाचल में सत्ता परिवर्तन:ऐसे में ₹1000 के शगुन के सहारे इस रेलवे लाइन से रेल आखिर कैसे पहाड़ चढ़ेगी? देश के सबसे बड़ी राजनीतिक पार्टी बीजेपी के मुखिया जगत प्रकाश नड्डा और पीएम मोदी के चहेते नेताओं में शुमार अनुराग ठाकुर हिमाचल से ताल्लुक रखते हैं. डबल इंजन की भाजपा सरकार में केंद्र मंत्री अनुराग ठाकुर का यह सपना जमीन पर नहीं उतर पाया. अब प्रदेश में सत्ता परिवर्तन हो चुका है. ऐसे में इस परियोजना को लेकर केंद्र और प्रदेश सरकार किस तरह से आगे बढ़ेगी यह भी भविष्य के गर्भ में है.
कांग्रेस की राय का इंतजार: केंद्र सरकार ने तो अपनी प्राथमिकता फिलहाल तय कर दी है ,लेकिन प्रदेश कांग्रेस सरकार की इस प्रोजेक्ट को लेकर क्या राय है इसका सभी को इंतजार है. यह राय इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू और उपमुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री हमीरपुर संसदीय क्षेत्र से ही ताल्लुक रखते हैं.
सिर्फ कागजों में प्रोजेक्ट:कहा यह भी जा रहा है कि इस परियोजना को फिलहाल उत्तर रेलवे ने फ्रीज कर दिया है. इतना ही नहीं रेलवे की आवश्यक परियोजनाओं में इस ट्रैक का कहीं जिक्र नहीं है. बजट में तवज्जों न मिलने से कागजों में इस परियोजना की अनुमानित लागत साल दर साल बढ़ती जा रही है.
2017-18 में परियोजना में शामिल: जानकारी के मुताबिक ऊना-हमीरपुर रेलवे लाइन को उत्तर रेलवे ने साल 2017-18 के बजट में इस परियोजना को शामिल किया था. तब इस प्रोजेक्ट की लागत 2850 करोड़ अनुमानित थी. साल 2019 में जब इसकी डीपीआर तैयार की गई तो इसका इसकी अनुमानित लागत 5821 करोड़ बताई गई.
2022 में अनुराग ने किया था दावा:साल 2022 में भी केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने अपने इस ड्रीम प्रोजेक्ट को पूरा करने के दावे को दोहराया था. हमीरपुर जिले के दौरे के दौरान केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने जनसभा को संबोधित करते हुए दावा किया था कि यह रेलवे लाइन बनकर रहेगी. वहीं, अनुराग ठाकुर और पूर्व मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर का केंद्र और राज्य की राशि को लेकर एक दसूरे से सहमत नहीं थे. वहीं, साल 2010 में रेल बजट के दौरान ही तत्तकालीन सांसद एवं वर्तमान केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने रेल बजट के दौरान ऊना-हमीरपुर रेलवे लाइन की परिकल्पना को प्रस्ताव के रूप को संसद में रखा था.
45 किलोमीटर लंबी हमीरपुर-ऊना रेलवे लाइन:45 किमी लंबी हमीरपुर-ऊना रेलवे लाइन में 4 स्टेशन बनेंगे. इस रेलवे लाइन में 11 सुंरगे और 13 पुल का निर्माण प्रस्तावित है. ऊना से यह रेलवे लाइन बौल, धुंधला होते हुए हमीरपुर जिले के बड़सर पहुंचेगी. इस रेलवे लाइन में ऊना और हमीरपुर जिले में 2-2 स्टेशन बनेंगे. हमीरपुर जिले के बड़सर के कोढर बल्ह और रंगस के समीप कुन्ना में स्टेशन बनेगा. प्रारंभिक सर्वे में इस रेलवे लाइन की लंबाई 54 किलोमीटर और अनुमानित लागत 5830 करोड़ आंकी गई थी.
2022 में संसोधन किया गया:योजना में 2022 में इस प्रोजेक्ट में संशोधन किया गया. हमीरपुर जिला मुख्यालय लाने की बजाय मेडिकल काॅलेज जोलसप्पड़ के साथ लगते रंगस के कुन्ना तक निर्मित करने का निर्णय लिया गया. इस संशोधन के चलते इस रेलवे लाइन में 2 पुल और 1 सुंरग को डीपीआर से हटा दिया गया, जिसके चलते लागत 2 हजार करोड़ रुपए कम होने से अनुमानित खर्च अब 3830 करोड़ आंका गया. बता दें कि अगर अनुराग ठाकुर का यह ड्रीम प्रोजेक्ट पूरा होगा तो हमीरपुर, कांगड़ा सहित अन्य जिले के लोगों को फायदा मिलेगा.