हमीरपुर: एक बार फिर जिला प्रशासन हमीरपुर की बड़ी चूक सामने आई है. शुक्रवार को प्रदेश स्वास्थ्य विभाग के 9 बजे के बुलेटिन में हमीरपुर जिला के 2 लोग कोरोना पॉजिटिव पाए गए थे. इसमें एक महिला भी शामिल थी. इस महिला को अस्पताल शिफ्ट करने में स्वास्थ्य विभाग को लगभग 14 घंटे का समय लग गया. इससे पहले भी जिला प्रशासन की बड़ी चूक सामने आई थी, जब 43 लोगों को डूंगरी क्वारंटाइन सेंटर से नेगेटिव बता कर घर भेज दिया गया था और बाद में उनमें से 15 लोगों की कोरोना रिपोर्ट पॉजिटिव आई थी. इस मामले में पहले स्वास्थ्य विभाग हमीरपुर कंफर्म रिपोर्ट का इंतजार करता रहा. 11 बजे जिला स्वास्थ्य विभाग को लैब से कंफर्म रिपोर्ट मिलने के बाद एंबुलेंस को मौके के लिए रवाना किया गया.
हमीरपुर प्रशासन की लापरवाही! कोरोना संक्रमित महिला को अस्पताल पहुंचाने में हुई देरी
जिला प्रशासन हमीरपुर की बड़ी चूक सामने आई है. शुक्रवार को प्रदेश स्वास्थ्य विभाग के 9 बजे के बुलेटिन में हमीरपुर जिला के 2 लोग कोरोना पॉजिटिव पाए गए थे. इससे पहले भी जिला प्रशासन की बड़ी चूक सामने आई थी, जब 43 लोगों को डूंगरी क्वारंटाइन सेंटर से नेगेटिव बता कर घर भेज दिया गया था और बाद में उनमें से 15 लोगों की कोरोना रिपोर्ट पॉजिटिव आई थी.
इसके बाद भी लापरवाही और लेटलतीफी का सिलसिला थमा नहीं और एंबुलेंस कर्मचारी रास्ता भटक गए, जिसके चलते संबंधित महिला के गांव पहुंचने के बजाए गलोड़ जा पहुंचे. स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों की तरफ से निर्देश मिलने पर एंबुलेंस कर्मी 2 बजे के करीब महिला के गांव में पहुंचे और उसे अस्पताल के लिए शिफ्ट किया गया. ऐसे में बड़ा सवाल निकल कर यह सामने आता है कि क्या जिला प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग में आपसी तालमेल है या नहीं.
मुख्य चिकित्सा अधिकारी हमीरपुर डॉ. अर्चना सोनी ने कहा कि 10:42 पर उन्हें लैब से कंफर्म रिपोर्ट मिली है, जिसके बाद एंबुलेंस कर्मचारियों को मौके के लिए रवाना किया गया था. मरीज को अस्पताल में शिफ्ट किया जा सके, लेकिन वह रास्ता भूल गए. बाद में संबंधित गांव में जाकर महिला को 2:00 बजे के करीब घर से लिफ्ट कर दिया गया है.